Narendra Modi Cabinet Ministers of India 2019: मोदी सरकार में गुरुवार को पीएम मोदी और मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद शुक्रवार को मंत्रालयों का बंटवार कर दिया गया। निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक हो या राफेल डील पर विपक्ष के तीखे हमलों का मुंहतोड़ जवाब हो निर्मला सीतारमण की भूमिका बेहद यादगार साबित हुई। निर्मला सीतारमण ने राजनीति में महिला सशक्तिकरण की जो परिभाषा दी, उनका मुकाबला इंदिरा गांधी से लोग करने लगे। वह मोदी सरकार की सबसे ओजस्वी, कार्यकुशल और साहसी केंद्रीय मंत्रियों में से एक हैं।
सीतारमण से पहले इंदिरा गांधी ने 1975 में और फिर 1980-1982 में बतौर प्रधानमंत्री रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। सीतारमण के रक्षामंत्री रहते ही भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के 13 दिन के भीतर पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया जिसमें कई आतंकवादी मारे गए।
इस्राइल और अमेरिका के साथ रक्षा सौदों में सीतारमण की भूमिका अहम रही। पिछले कैबिनेट के सबसे उच्च शिक्षित मंत्रियों में से एक सीतारमण ने तिरुचिरपल्ली के सीतालक्ष्मी रामस्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से इकोनॉमिक्स में एम.फिल की डिग्री हासिल की है।
उन्हें तीन सितंबर 2017 को नरेंद्र मोदी की सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2014 में उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था। यह प्रभार संभालने से पहले वह सुषमा स्वराज के बाद पार्टी की दूसरी महिला प्रवक्ता रहीं।
कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य सीतारमण 2008 में भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्हें 2014 में मोदी मंत्रिमंडल में कनिष्ठ मंत्री के तौर पर जगह दी गई थी। इसके अलावा वह 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं।
तमिलनाडु के मदुरै में 18 अगस्त 1959 में जन्मीं सीतारमण को ऐसे नाजुक समय में रक्षा मंत्री बनाया गया था जब 2019 के आम चुनावों में दो साल से भी कम का समय बच गया था और जब उनके सामने रक्षा सुधारों एवं संरचनात्मक कमियों को दूर करने की चुनौती थी। उन्होंने 14 लाख सैन्यर्किमयों की तादाद वाले विश्व के तीसरे सबसे बड़े सैन्य बल की कमान संभाली।
भाजपा प्रवक्ता के तौर पर शालीनता से टीवी बहसों में पार्टी का पक्ष रखने वाली दक्षिण भारतीय सीतारमण उत्तर भारत में भी लोकप्रिय चेहरा रहीं। उनकी हाजिरजवाबी के भी मुरीद कम नहीं और इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि राफेल मामले पर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उन्होंने जब संसद में भाषण दिया तो वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
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