प्रधानमंत्री नरेंद्र्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश के विकास के लिए केंद्र और राज्यों को मिल कर ‘टीम इंडिया’ के तौर पर काम करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बर्नपुर में इस्को के इस्पात संयंत्र के उट्घाटन के बाद आयोजित समारोह में मोदी ने कहा कि टीम इंडिया के बिना देश तरक्की नहीं कर सकता। भारत को आगे ले जाने के लिए बंगाल की यह धरती देश की मदद करेगी। बंगाल के गौरवशाली अतीत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी दौर में पूरे देश की आर्थिक डोर इसी राज्य के हाथों में थी।
उन्होंने भरोसा जताया कि बंगाल अपना गौरवशाली अतीत दोबारा हासिल करने के बाद देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने देश के विकास के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील करते हुए कहा कि दल से देश बड़ा है।
राज्य सरकार की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि इस्पात उत्पादन में भारत को आगे ले जाने के लिए सरकार ने इस परियोजना को सफल बनाया है। उन्होंने कहा कि यह टीम इंडिया के काम करने की भावना की मिसाल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने इस्पात संयंत्र के आधुनिकीकरण के प्रयासों में सहयोग नहीं दिया होता तो यह परियोजना साकार नहीं होती। उन्होंने राज्यों के साथ मिल कर काम करने का संकल्प दोहराया और कहा कि अतीत में दोनों के बीच संबंधों में कड़वाहट रही है।
लेकिन देश को प्रगति की राह पर तेजी से आगे की ओर ले जाने के लिए इन दोनों का मिल कर काम करना जरूरी है। उन्होंने देश के विकास के लिए दलगत राजनीति की संकीणर्ता से ऊपर उठने और राजनीतिक मतभेद भुलाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया कि तमाम मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मिल कर टीम इंडिया की तरह काम करते हुए देश को प्रगति और खुशहाली की राह पर आगे ले जाने की दिशा में काम करेंगे।
उन्होंने बांग्लादेश के साथ हुए जमीन सीमा समझौते को टीम इंडिया की कामयाबी की नायाब मिसाल बताया। मोदी ने कहा कि इस मामले में बंगाल, असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों ने दिल्ली के साथ जिस तरह मिल कर काम किया है, वह गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया बनने की स्थिति में हम तमाम आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को आसानी से सुलझा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत पूर्वी क्षेत्र के कोयला संपदा वाले राज्यों को कोल ब्लाक नीलामी प्रकिया से फायदा होगा और खनन वाले इलाकों में रहने वाले आदिवासियों के कल्याण की आधारशिला रखी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी से अपनी दूरियों को पाटने के प्रयास में उनके इस बयान का समर्थन किया कि विकास के हित में केंद्र और राज्य का मिल कर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बंगाल का एक गौरवशाली अतीत रहा है और केंद्र की सहायता से यह राज्य दोबारा एक मजबूत आर्थिक ताकत के तौर पर उभरेगा। मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत के दूसरे राज्यों के विकास और पड़ोसी देशों के संबंधों की बेहतरी में बंगाल की भूमिका बेहद अहम है।
ममता के हालिया बांग्लादेश दौरे के दौरान उनकी असरदार भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बांग्लादेश की नजरों में भारत की अहमियत काफी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बंगाल के विकास के बिना पूर्वी भारत का विकास नहीं हो सकता। मोदी ने देश में उपलब्ध लौह अयस्कों और खनिजों के आधार पर उत्पादन बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम लौह अयस्क का निर्यात कर विदेशों से स्टील का आयात करते रहे हैं। यह तो ऐसा ही हुआ कि हम गेहूं का निर्यात करें और रोटियां आयात करें। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए इस पर रोक लगाना जरूरी है।
इससे पहले ममता ने अपने भाषण में कहा कि केंद्र और राज्य के मिल कर काम करने की स्थिति में ही देश आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह है और विकास अपनी जगह। लेकिन विकास के लिए केंद्र और राज्य के बीच एका और सहयोग जरूरी है।
ममता ने कहा कि संघीय ढांचे में हम संविधान के दायरे में रहते हुए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के आधुनिकीकरण के साथ ही परियोजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए देने की अपील की। इसके लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है।