सियासी फायदे के लिए धर्म की शरण में जाकर केरल माकपा एक बार फिर धर्मसंकट में फंस गई है। इस बार जब संगठन ने जन्माष्टमी मनाने का एलान किया तो कई संगठनों, खासकर हिंदू संगठनों ने अचरज जताया था। इस पर्व के बाद नया विवाद शुरू हो गया है। दरअसल राज्य में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को पार्टी समर्थित एक सांस्कृतिक शोभायात्रा में संत सुधारक श्रीनारायण गुरु को सलीब पर दिखाने पर कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। पार्टी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है और फिलहाल उसके पास कोई जवाब नहीं है। नारायण गुरु के समर्थकों का कहना है कि गुरु और उनके संदेश को गलत संदर्भ में पेश किया गया है।
माकपा समर्थित बालासंघम की ओर से आयोजित शोभायात्रा के दौरान एक झांकी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वाइरल हो गईं। इन तस्वीरों में 19वीं सदी के गुरु को सलीब पर दिखाया गया है। पांच सितंबर को आयोजित इस शोभायात्रा में गुरु को सलीब पर दिखाने के अलावा ‘मानव के लिए एक जाति, एक धर्म और एक ईश्वर’ का उनका सुप्रसिद्ध संदेश भी कथित रूप से ‘विकृत’ तरीके से पेश किया गया था। राज्य में बड़ी आबादी वाले एझवा समुदाय के प्रमुख सामाजिक संगठन श्रीनारायण धर्म परिपालना (एसएनडीपी) योगम ने गुरु को इस तरह पेश करने पर माकपा की निंदा की है।
योगम महासचिव वेल्लापल्ली नटेसन ने कहा कि गुरु एक महान सामाजिक सुधारक हैं। उन्होंने राज्य के पुनरुत्थान का मार्ग प्रशस्त किया और जो कोई भी उन्हें खराब तरह से पेश करेगा, उसे उसके नतीजे भुगतने होंगे। सैकड़ों एसएनडीपी कार्यकर्ताओं ने माकपा पर गुरु और उनकी विचारधारा का अपमान करने का आरोप लगाते हुए रविवार रात यहां विरोध प्रदर्शन किया।
विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि गुरु का अपमान करने की माकपा की कोशिश हिंदू समुदाय के लिए एक चुनौती है। एलुवा आधारित अद्वैत आश्रम के सचिव स्वामी शिवस्वरूपानंद ने कहा कि किसी भी दल की ओर से गुरु का अपमान करने की किसी भी कोशिश से उसका अपना जनाधार अस्थिर होगा।
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा के राज्य सचिव के बालासुंदरम ने इन आरोपों से इनकार किया कि उनकी पार्टी ने नारायण गुरु का अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का दुष्प्रचार है कि माकपा ने गुरु का अपमान किया है। पार्टी ने गुरु की विचारधारा का बस सही रुख पेश करने की कोशिश की जिसे संघ ने विकृत कर दिया था।
इस सांस्कृतिक शोभायत्रा से भी विवाद पैदा हुआ था क्योंकि इसे जन्माष्टमी दिवस समारोह के एक हिस्से और अपने जनाधार के क्षरण को रोकने की माकपा की कोशिश के रूप में देखा गया। लेकिन माकपा ने इसे आरएसएस का दुष्प्रचार करार दिया। उसने कहा कि यह ओणम का समापन कार्यक्रम था। माकपा ने हाल में गणेश समारोह और श्रीनारायण गुरु जयंती समारोह भी मनाया था।
इस बीच विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एसजेआर कुमार ने कहा है कि माकपा की ओर गुरु को अपमानित करने का प्रयास हिंदू समुदाय के लिए एक चुनौती है और इसका मुकाबला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नारायण गुरु महान विभूति थे, जो केरल को अंधकार से निकाल कर प्रकाश की ओर ले गए। उनका छवि को धूमिल करने का प्रयास गंभीर अपराध है और यह अपराध करने वालों को सजा मिलेगी।