Gujarat High Court: बलात्कार के मामले में जेल में बंद नारायण साईं ने शुक्रवार को गुजरात हाई कोर्ट से अस्थाई जमानत की मांग की है। हाई कोर्ट से अपील करते हुए उसने अपने पिता आसाराम बापू से मिलने की इच्छा जाहिर की है। बता दें, साईं और आसाराम बापू बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से जेल में बंद हैं।

आसाराम बापू के बेटे साईं की अस्थाई जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एएस सुपेहिया और विमल व्यास की खंडपीठ ने कहा कि उसे पहले साई के दावों (उसके पिता की स्थिति के बारे में) का पुष्टि करनी होगी, क्योंकि उसे नारायण साईं पर भरोसा नहीं है।

साई की ओर से वरिष्ठ वकील I H सैयद पेश हुए। सैयद ने पीठ से कहा कि उनके क्लाइंट अपने बीमार पिता को देखना चाहते हैं।

इस पर जस्टिस सुपेहिया ने पूछा, ‘लेकिन उनका (आसाराम बापू) जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज चल रहा है। आपका मुवक्किल वहां क्या करेगा?’

सैयद ने जवाब दिया, ‘(एम्स) पैनल में शामिल डॉक्टरों में से एक का प्रमाण पत्र है जो उनके पिता का इलाज कर रहा है।

कोर्ट ने तीन तीन फरवरी को साईं की इसी तरह की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उसने कहा था कि चिकित्सा आधार पर जमानत मांगते हुए हाई कोर्ट में जाली चिकित्सा दस्तावेज जमा करने के लिए उस पर पहले एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

पीठ ने शुक्रवार को इस बात का भी जिक्र किया कि राजस्थान हाई कोर्ट ने हाल ही में आसाराम की पैरोल याचिका खारिज कर दी थी। बेंच ने कहा कि हम उनके (आसाराम) द्वारा अपने आवेदन में दिए गए तर्क को जानना चाहते हैं। साथ ही याचिका को खारिज करने में राजस्थान हाई कोर्ट के तर्क को भी जानना चाहते हैं।

कोर्ट ने जोर देकर कहा कि साईं की अस्थायी जमानत याचिका पर फैसला लेने से पहले राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को पहले रिकॉर्ड में पेश किया जाए। इस मामले में अगले सप्ताह फिर से सुनवाई होगी।

बता दें, साईं को बलात्कार के मामले में 4 दिसंबर, 2013 को गिरफ्तार किया गया था। उसे साल 2019 में सूरत की एक कोर्ट ने दोषी ठहराया था। साथ ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से उसे चार बार रिहा किया जा चुका है। अप्रैल 2015, फरवरी 2019, दिसंबर 2020 और अंतिम रिहाई जनवरी 2022 में हुई थी।