जम्मू और कश्मीर के नगरोटा (Nagrota) में आतंक की साजिश पर बड़ा खुलासा हुआ है। वहां हुए एनकाउंटर में मार गिराए चार आतंकियों का हैंडलर कुख्यात आतंकी मसूद अजहर का भाई अब्दुल रउफ असगर था। वह पाकिस्तान में बैठे-बैठे चारों आतंकियों को बता रहा था कि चारों आतंकियों को आखिर करना क्या है। वह ही उन चारों को निर्देश दे रहा था।

समाचार एजेंसी ‘ANI’ की रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI ने पुलवामा जैसा बड़ा आतंकी हमला करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद को काम सौंपा था, जिसके बाद चार आतंकियों ने 18-19 नवंबर की दरम्यिानी रात सांबा सेक्टर से चार आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की थी। हालांकि, जम्मू सेक्टर के नगरोटा के पास मुठभेड़ में उन्हें सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।

रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से आगे कहा गया- पुलवामा आतंकी हमले के स्तर का अटैक करने के लिए जिस शख्स को चुना गया, वह मौलाना मसूद अजहर का भाई अब्दुल रउफ असगर था। इसी हैंडलर ने भारतीय सीमा से सटे पाक में जैश के शकरगढ़ कैंप से चार जिहादियों को इस काम को अंजाम देने के लिए चुना था।

असगर के साथ हमले की साजिश रचने के लिए जैश के एक अन्य आतंकी काजी तरार को भी लगाया गया था। सूत्रों की मानें तो बहावलपुर में जैश मुख्यालय में इस संदर्भ में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें जैश से जुड़े मौलाना अबु जुंदाल और मुफ्ती तौसीफ शामिल हुए थे। साथ ही दो आईएसआई अफसरों ने भी इस मीटिंग में हिस्सा लिया था।

साजिश रचने के बाद जैश की शकरगढ़ यूनिट को अंतिम तैयारियां करने का काम सौंपा गया था, जिसमें आतंकियों को चुनने से लेकर उनकी ट्रेनिंग तक शामिल थी। चारों आतंकियों को सुसाइड अटैक की ट्रेनिंग दी गई थी, ताकि घुसपैठ के बाद कश्मीर घाटी में भारतीय लोकेशंस पर  अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जा सके।

जैश के आतंकियों ने सरहदी इलाके के पास छोटी नदियों के नेटवर्क का इस्तेमाल किया था और भारत में घुसपैठ करते हुए सांबा सेक्टर (जम्मू) में एंट्री ली थी। बाद में वे एक ट्रक में जा छिपे थे। सूत्रों की मानें तो जैश की घुसपैठ की अधिकतर कोशिशें इसी तरीके के रूट्स के जरिए की जाती हैं और इन्हें रात को देर रात तीन से चार बजे के बीच अंजाम दिया जाता है।