मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीएम नरेंद्र मोदी से एक बार फिर अग्निपथ योजना को वापस लेने की अपील की है। किसान आन्दोलन के समय से ही सत्यपाल मलिक मोदी सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। सत्यपाल मलिक ने यहां तक कह दिया कि मैं किसी के दबाव में काम नहीं करता और मेरा इस्तीफा मेरी जेब में है और पीएम मोदी के इशारे का इंतजार है।
सत्यपाल मलिक ने यूट्यूब चैनल हरियाणा तक से बात करते हुए कहा, “मैं किसानों के बारे में वो बात बोली जो केंद्र सरकार के पक्ष में जाती और किसान आन्दोलन भी नहीं होता। 700 किसान मरे हैं और शोक सन्देश भी नहीं भेजा। बाद में माफ़ी मांग कर बिल वापस ले लिया। मैंने हमेशा इनके पक्ष में बोला है और अब भी बोल रहा हूं।”
सत्यपाल मलिक ने अग्निपथ योजना को लेकर कहा, “मैं कह रहा हूं जल्दी से बच्चों वाला (अग्निपथ योजना) ठीक करो, ये अच्छा नहीं है। अगर फौज में असंतुष्ट लड़के जाएंगे तो उनके हाथ में राइफल होगी, उसकी कोई दिशा होगी, पता नहीं किधर चल जाए? केंद्र सरकार बहुत घमंड में रहती है। हो सकता है इससे कुछ बुरा हो, तब बैकफूट पर आये।” सत्यपाल मलिक ने अपने हटाए जानें को लेकर भी बात की।
उन्होंने कहा, “जब मैं पहली बार बोला था, तब से ही मेरी जेब में इस्तीफा है। जिस दिन मोदी जी की तरफ से इशारा मिल जायेगा, उन्हें हटाना नहीं पड़ेगा। बस वह इतना बोल दें कि मैं आपके साथ असहज महसूस कर रहा हूं। मैं उसी दिन छोड़ कर चला जाऊंगा।”
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए सत्यपाल मलिक ने एक डील को लेकर अंबानी और राम माधव पर आरोप लगाए थे। उन्होंने इसको लेकर कहा कि जब मैंने यह बात पीएम को बताई तो वह नाराज नहीं हुए बल्कि उन्होंने मुझे सपोर्ट किया और कहा कि ‘नो कम्प्रोमाइज’। सत्यपाल मलिक ने कहा कि उस डील में उनके अपने लोग शामिल थे। उस डील में राम माधव और अंबानी शामिल थे और फाइल पास करने के लिए डेढ़ सौ करोड़ का ऑफर दिया गया था।