Taslima Nasreen: मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने गुरुवार (4 सितंबर 2025) को अपने देश बांग्लादेश को लेकर दर्द बयां किया। तसलीमा ने कहा कि पता नहीं मेरा देश जिहादियों की गिरफ्त कब आजाद होगा।

तसलीमा नसरीना ने एक पोस्ट करते लिखा, ‘राष्ट्रगान के अलावा, मुझे अपने देश के बारे में गर्व करने लायक कुछ खास नहीं लगता। जब मैं पेरिस में रहता थी, तो अपने फ्रांसीसी दोस्तों से कहा करती थी कि तुम्हारा राष्ट्रगान “ला मार्सिले” सिर्फ़ खून और हत्या की बात करता है, लेकिन हमारा राष्ट्रगान प्रेम की बात करता है। मैं यह गीत बंगाली में गाती और फिर उनके लिए उसका अनुवाद करती। वे भी इसके शब्दों से बहुत प्रभावित होते थे। मैंने कई राष्ट्रगानों के शब्द और धुनें सुनी हैं, लेकिन कोई भी “आमार सोनार बांग्ला” के आस-पास भी नहीं पहुंच सकता।’

तसलीमा आगे लिखती है कि आज, अफ़सोस, मेरा बेचारा देश जिहादियों की गिरफ़्त में है। जिहादियों को खून-खराबा और क़त्लेआम पसंद है। उनके दिल नफ़रत से भरे हैं। वे प्रेम का मूल्य नहीं समझ सकते। इसीलिए उन्हें देश के प्रति प्रेम व्यक्त करने वाले राष्ट्रगान से नफ़रत है। उनकी घृणित सांप्रदायिक मानसिकता इस गीत से घृणा करती है, क्योंकि इसके गीतकार और संगीतकार एक गैर-मुस्लिम थे।

अंत में तसलीमा लिखती हैं कि हाय मेरे दुखी देश! किसी देश का राष्ट्रगान छीन लेना उसका दिल चीर देने जैसा है। पता नहीं मेरा देश जिहादियों की गिरफ़्त से कब आज़ाद होगा।

नसरीन एक अन्य पोस्ट में लिखती हैं कि किसी की फांसी की खबर सुनकर मुझे खुशी नहीं होती। मुझे खुशी तब होती है जब धर्म और राज्य अलग हो जाते हैं, जब धार्मिक राजनीति को नकार दिया जाता है, जब धार्मिक कानून की जगह सभ्य कानून लागू हो जाता है, जब वास्तविक लोकतंत्र का पालन होता है, जब महिलाओं के समान अधिकार सुनिश्चित होते हैं, जब धार्मिक संस्थानों की जगह धर्मनिरपेक्ष संस्थान बनते हैं, जब मानवाधिकारों को महत्व दिया जाता है, जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है, जब आतंकवाद का अंत हो जाता है, जब बलात्कार और हत्याएँ खत्म हो जाती हैं, जब लोग मानवतावादी बनते हैं,मुझे खुशी होती है जब लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं।

शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तल्खियां बढ़ गई थीं। इस बीच भी मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को बांग्लादेश का उसके पड़ोसियों, भारत और पाकिस्तान से बदलते संबंधों की कड़ी आलोचना की थी।

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों पर उन्होंने चिंता जाहिर की थी। एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने 1971 की लड़ाई का जिक्र कर उन्होंने बताया था कि कैसे भारत ने बांग्लादेश की मदद की थी।

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लेखिका तसलीमा नसरीन ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि जिस भारत के 17,000 सैनिकों ने बांग्लादेश को उसके दुश्मन पाकिस्तान से बचाने के लिए अपनी जान गंवाई, वह अब दुश्मन माना जाता है. जिस भारत ने एक करोड़ शरणार्थियों को भोजन और कपड़े रहने के लिए घर दिए, वह अब दुश्मन हो माना जाता है, जिस भारत ने देश को पाकिस्तानी सेना से बचाने के लिए हथियार और स्वतंत्रता सेनानियों को ट्रेनिंग दी, वह अब दुश्मन माना जाता है।

इस दौरान तसलीमा नसरीन ने पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के संबंधों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जिस पाकिस्तान ने 30 लाख लोगों की हत्या की और 2 लाख महिलाओं का रेप किया, वह अब कथित तौर पर दोस्त है. आतंकवादियों को पैदा करने में नंबर एक पर रहने वाला पाकिस्तान अब कथित तौर पर एक मित्र है। जिस पाकिस्तान ने 1971 के अत्याचारों के लिए बांग्लादेश से अभी तक माफी नहीं मांगी है, वह अब कथित तौर पर एक मित्र राष्ट्र है। बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट होने के बाद हिंदुओं पर हमला होने के कई केस सामने आए थे।

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