उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पाकिस्तान के 25 हिंदू शरणार्थियों को बसाने और उनकी मदद करने की बात सामने आई है। यह दावा बीजेपी के एक विधायक ने की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने कहा कि वह कवल गांव में पाकिस्तान के 25 हिंदू शरणार्थियों को बसाने में मदद करेंगे और उनमें से पांच को उन्होंने आर्थिक सहायता भी दी है। बता दें कि पाकिस्तान से आए 25 शरणार्थी राष्ट्रीय राजधानी में एक शिविर में रह रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ देश में नागिरकता को लेकर CAA और NRC का भी जनकर विरोध हो रहा है।
बीजेपी विधायक ने क्या कहाः उत्तर प्रदेश के खटौली के भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना झेलने के बाद भारत आए शरणार्थियों में से पांच ने उनसे मुलाकात की। बैठक के बाद सैनी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने प्रत्येक को 5,000-5,000 रुपए की सहायता दी है और उन्हें आश्वस्त किया कि वह उन्हें कवल गांव में बसाएंगे।
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मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी हैं सैनीः गौरतलब है कि 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों में सैनी भी आरोपी हैं। यह वही कवल गांव हैं जहां तीन युवकों की हत्या के बाद मुजफ्फरनगर और उसके नजदीकी क्षेत्रों में दंगे भड़क उठे थे। इस दंगे में 60 लोगों की मौत हो गई 40,000 लोग पलायन कर गए थे। इस दौरान पूरे इलाके में तनाव का माहौल था।
CAA का विरोधः एक तरफ बीजेपी और उसके नेता पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को बसाने और आर्थिक मदद देने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर पूरे देश में CAA और NRC को लेकर पूरे देश में विरोध जारी है। भारत में रह रहे अल्पसंख्यक इस नए कानून के खिलाफ हैं और सरकार से इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों के साथ देश के कई विश्वविद्यालयों के छात्र भी इसे हटाने की मांग कर रहे हैं।