Karnataka News: कर्नाटक की तीन विधानसभा सीटों पर हुई कांग्रेस की जीत ने एक बार यह पुख्ता किया है कि राज्य पार्टी का अहम किला है लेकिन उपचुनाव में ये जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि राज्य की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक आबादी ने जमकर कांग्रेस का साथ दिया। अब यही आबादी कांग्रेस के एक बड़े फैसले की उम्मीद कर रही है, जो कि मुस्लिम आरक्षण से जुड़ा है।
कर्नाटक में पहले मुस्लिम समुदाय के लिए चार प्रतिशत के आरक्षण का प्रावधान था लेकिन बीजेपी की बसवराज बोम्मई की सरकार ने इसे खत्म कर दिया था। बीजेपी ने यह आरक्षण लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय को 2-2 प्रतिशत देने का फैसला किया था। यह चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बना था। ऐसे में मुस्लिम समाज पूरी तरह से कांग्रेस के पीछे लामबंद हो गया था जिसे उसे लाभ भी मिला और पार्टी की बड़ी जीत हुई।
उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस पर बढ़ा दबाव
मुस्लिमों के चार प्रतिशत आरक्षण का ये मामला फिलहाल तो सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, क्योंकि कोर्ट ने बीजेपी सरकार के आरक्षण खत्म करने वाले फैसले पर रोक लगा था। अब उपचुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत ने एक बार फिर कांग्रेस पर इस फैसले को पलटने और मुस्लिम आरक्षण बहाल करने का सांकेतिक दबाव बना दिया है।
विधानसभा चुनाव में विवादित रहा था मुद्दा
बता दें कि मुस्लिम आरक्षण का यह मुद्दा काफी विवादित रहा है, खासकर तब जब सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में कोटा खत्म करने के कदम को पहली नजर में एक त्रुटिपूर्ण फैसला बताया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाया था और नतीजा ये रहा कि राज्य में सिद्धारमैया और डीके शिवकुामार के नेतृत्व में कांग्रेस की प्रचंड बहुमत की सरकार बनी। शिवाजी नगर के कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद का कहना है कि उन्हें यकीन है कि कोटा बहाल होगा।
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कांग्रेस विधायक बोले- रातोंरात नहीं छीन सकते अधिकार
कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह मुस्लिम समुदाय का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग में रखा गया है। कोर्ट ने जांच के बाद आरक्षण को तर्कसंगत बनाया है। विधायक ने कहा कि यह अधिकार एक विशेष समुदाय से रातोंरात नहीं छीना जा सकता है।
फैसले के लिए इतना क्यों सोच रही है सरकार?
इस मामले में कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 4 प्रतिशत कोटा को बहाल करने का फैसला बस अंतिम चरण में ही है लेकिन सरकार इसके आधिकारिक ऐलान के लिए सही समय का ऐलान कर रही है। लोकसभा और उपचुनाव के चलते इस फैसले में देरी हुई थी, क्योंकि सरकार को डर था कि लिंगायत और वोक्कालिगा वोट उसके हाथ से छिटक सकता है।
मुस्लिमों के लिए राहत की ओर कांग्रेस विधायक का इशारा
वहीं इस मामले में मुस्लिम समुदाय के एक विधायक ने हाल में कांग्रेस को मुस्लिम समुदाय द्वारा मिले भारी समर्थन का जिक्र करते हुए कहा कि BJP के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसके चलते मुस्लिमों के लिए कोई परेशानी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही मुख्यमंत्री से इसको लेकर मुलाकात करेंगे और उन पर आरक्षण बहाल करने का दबाव बनाएंगे। आरक्षण से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।