दुनिया के जाने-माने मुस्लिम स्कॉलर इमाम मोहम्मद तौहीदी ने कोरोनावायरस के खतरों के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन में कार्यक्रम का आयोजन करने वाले तब्लीगी जमात पर निशाना साधा है। दरअसल, तब्लीगी के 13-15 मार्च को हुए मरकज में देश-विदेश के कई मुस्लिम जुटे थे। इसके बाद से अब तक तब्लीगी के कई लोगों को कोरोनावायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। इस पर तौहीदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि करीब 6000 तब्लीगियों की पाकिस्तान के हरकतुल मुजाहिद्दीन आतंकी कैंप्स में ट्रेनिंग हुई थी। अब वे कोरोनावायरस फैलाने के लिए भारत में हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे सिर्फ हिंदू मरते हैं, मुस्लिम नहीं। वे देशभक्त भारतीय मुस्लिमों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

तौहीदी यहीं पर नहीं रुके। कुछ अन्य ट्वीट में उन्होंने तब्लीगी को गोधरा में रेल जलाने की घटना से लेकर अमेरिका में 9/11 हमले से भी जोड़ दिया। उन्होंने कहा, “तब्लीगी जमात 2002 में गुजरात के गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना में भी शामिल थे, जिसमें 59 हिंदू कारसेवक जलकर मर गए थे। इससे राज्य में सांप्रदायिक दंगे हुए, जिसमें कई लोगों की जान गई। अब वे पूरे देश को कोरोनावायरस से संक्रमित करना चाहते हैं। इन्हें पकड़ कर जेल में डालना चाहिए।”

तौहीदी ने बताया- “विकिलीक्स ने भी खुलासा किया था कि अमेरिका में 2001 में हुए 9/11 हमलों में जो संदिग्ध पकड़े गए थे, वे कुछ साल पहले नई दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के परिसर में ठहरे थे। यह एक आतंकी संगठन है, जो खुद को चैरिटी की तरह दर्शाता है। सरकार को इन्हें बद कर देना चाहिए।”

मुस्लिम स्कॉलर के मुताबिक, “कुछ पाकिस्तानी सिक्योरिटी के एनालिस्ट कहते हैं कि 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 814 को हाईजैक करने वाले हरकत-उल-मुजाहिद्दीन का संस्थापक असल में तब्लीगी जमात के ही सदस्य थे।”

गौरतलब है कि तमिलनाडु में कोरोना के सैकड़ों नए मरीजों सामने आए हैं और सभी तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहीं, तेलंगाना और दिल्ली में भी तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए संक्रमित अस्पतालों में भर्ती या क्वारैंटाइन किए गए हैं। बता दें कि मरकज से निकल कर सैकड़ों की संख्या में लोग देश के 19 राज्यों में पहुंच चुके हैं और इन राज्यों में संक्रमण फैलने का खतरा है।