RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कोलकाता में आरएसएस के शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में संघ की जमकर तारीफ की। इस दौरान आरएसएस चीफ ने साफ कहा कि संघ मुस्लिम विरोधी नहीं है। अगर किसी को ऐसा लगता है तो वो संघ के अंदर आकर देख सकता है और कई लोगों ने देखने के बाद ऐसा कहा है कि संघ मुस्लिम विरोधी नहीं है। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का भी जिक्र किया।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि भले ही उनकी पूजा पद्धति अलग हो, लेकिन संस्कृति, राष्ट्र और समाज और देश के नाते वो एक ही बड़ी इकाई के अंदर हैं। अगर यह बात वो समझ लें तो सब ठीक हो जाएगा। भागवत ने कहा कि बाकी कोई ज्यादा समस्या नहीं है।
मोहन भागवत ने कहा कि अब दूसरी बात है कि एक झगड़ा चल रहा था। अंत में वो कोर्ट के हवाले कर दिया गया कि आप निर्णय करो। कोर्ट ने बहुत लंबा समय लगाया, मुझे लगता है कि बहुत ही विचार किया होगा और एक निर्णय दिया तो वहां राम मंदिर बन गया। आरएसएस चीफ ने इस तरह मंदिर-मस्जिद वाल झगड़ा समाप्त हो गया।
बिना नाम लिए पूर्व टीएमसी नेता के बयान जिक्र करते हुए भागवत वे कहा कि अब फिर से बाबरी मस्जिद बनाकर उस झगड़े को रिस्टार्ट करने का पॉलिटिकल षडयंत्र किया जा रहा है। यह केवल वोट बैंक के लिए हो रहा है। जबकि यह न तो हिंदुओं और न ही मुसलमानों की भलाई के लिए है। उन्होंने कहा कि झगड़ा खत्म हो रहा है। अच्छी सद्भावना बनेगी, लेकिन फिर से खाई चौड़ी करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए।
RSS प्रमुख ने कहा कि ऐसी धारणा है कि हम मुस्लिम विरोधी हैं। जैसा कि मैंने कहा कि संघ का दरवाजा नहीं है, उसका खुला काम है। कभी भी आप अंदर आकर देख सकते हो। भागवत ने सवालिया लहजे में पूछा कि कभी आपको ऐसा दिखा कि संघ मुस्लिम विरोधी है? तो आप वैसी राय बनाइए और नहीं दिखा तो आप अपनी राय बदलिए।
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भागवत ने आगे कहा कि मैं तो यह कहूंगा कि अब समझाने की बात नहीं है और अगर समझना है तो देखने के लिए भरपूर है, लेकिन अगर नहीं समझना है तो समझाकर भी कोई लाभ नहीं है। भागवत ने कहा कि आप संघ के अंदर आकर देखिए, जैसी आपकी राय बनती है, वो आपके लिए ठीक है। RSS चीफ ने कहा कि मेरा चैलेंज है। लोग आए हैं देखने के लिए और उन्होंने मान लिया है कि नहीं! आप लोग (संघ) मुस्लिम विरोधी नहीं हो, आप कट्टर राष्ट्रवादी हो, हिंदुओं का संरक्षण करते हो, हिंदुओं के पक्ष में हो, लेकिन मुसलमान विरोधी नहीं हो। इसको बहुत से लोगों ने मान लिया है।
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के किसी स्वयंसेवी संगठन का इतना विरोध नहीं हुआ, बल्कि संघ का हुआ। हमले हुए और हत्याएं भी हुईं लेकिन स्वयंसेवक आगे बढ़े। एक भी स्वयंसेवक के मन में शामिल लेकर कटुता का भाव नहीं है।
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