शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने संयुक्त राष्ट्र को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में 20 जून को ‘विश्व गद्दार दिवस’ घोषित करने की मांग की है। संजय राउत ने UN को लिखे पत्र को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया। इस पत्र में लिखा गया है कि पार्टी महाराष्ट्र के लाखों लोगों के हस्ताक्षर को इकठ्ठा करेगी और उन्हें 20 जून को ‘विश्व गद्दार दिवस’ के रूप में घोषित करने की मांग के साथ संयुक्त राष्ट्र को भेजेगी। बता दें कि पिछले साल 20 जून को ही शिवसेना के 40 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उद्धव ठाकरे से बगावत की थी।

20 जून को घोषित किया जाए विश्व गद्दार दिवस

यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को लिखे पत्र में संजय राउत ने कहा कि जैसे 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है, उसी प्रकार 20 जून को विश्व गद्दार दिवस मनाया जाए। उन्होंने कहा कि दुनिया में गद्दारी के कई उदाहरण हैं और महाराष्ट्र के लोगों ने भी जून 2022 में एक देखा है। इसके कारण महा विकास अघाड़ी सरकार (शिवसेना – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस) का पतन हुआ, जिसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कर रहे थे।

संजय राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए पूरी ताकत का इस्तेमाल किया। उन्होंने पत्र में लिखा कि भाजपा ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल किया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार गिर जाए।

संजय राउत ने कहा कि जिन 40 विधायकों ने हमें चाकू मारा, उनका नेतृत्व एक प्रमुख विधायक एकनाथ शिंदे (जो अब महाराष्ट्र के सीएम हैं) कर रहे थे। उनके साथ 10 निर्दलीय भी थे, जो एमवीए सरकार को समर्थन दे रहे थे।

उद्धव ठाकरे की बीमारी का फायदा उठाया गया

संजय राउत ने भाजपा और बागी विधायकों पर उद्धव ठाकरे की बीमारी का फायदा उठाने का आरोप लगाया। संजय राउत ने पत्र में लिखा कि छोड़ने की प्रक्रिया 20 जून को शुरू हुई जब एकनाथ शिंदे और अन्य लोग मुंबई से पड़ोसी राज्य गुजरात के लिए रवाना हुए। उन्होंने उद्धव ठाकरे को छोड़ दिया जो बीमार थे और 12 नवंबर और 19 नवंबर, 2021 को उनकी दो बड़ी सर्जरी हुई।

संजय राउत ने कहा कि इसलिए मैं आपसे 20 जून को विश्व गद्दार दिवस के रूप में मनाने की अपील कर रहा हूं, जिस तरह 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसा अवश्य ही किया जाना चाहिए ताकि दुनिया गद्दारों को याद रखे।