मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के चार पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मुंबई पुलिस के इस कदम से अर्नब गोस्वामी भड़क गए हैं। अपने टीवी कार्यक्रम के दौरान अर्नब गोस्वामी ने भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को कहा कि ‘सुधांशु त्रिवेदी समझाइए इनको कि मामला कितना गंभीर है, समझाइए इन्हें।’ इसके बाद सुधांशु त्रिवेदी ने कार्यक्रम में मौजूद शिवसेना नेताओं की अपने तर्कों से बोलती बंद कर दी।
सुधांशु त्रिवेदी ने राजनीतिक विश्लेषक विक्रम सिंह से कहा कि अगर आपको लगता है कि मुंबई पुलिस का अपमान हुआ है और अगर आप में गैरत है तो मुंबई पुलिस ने कहा था कि मुंबई हमला हाफिज सईद ने कराया तो कराइए उसके खिलाफ एफआईआर जिसने कहा था कि मुंबई हमला हाफिज सईद नहीं बल्कि आरएसएस ने करवाया था। त्रिवेदी ने तंज कसते हुए बोले कि हैसियत नहीं वहां चूं बोलने की क्योंकि सरकार उनके दम पर टिकी है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि करवाइए उसके खिलाफ एफआईआर जिसने कहा था कि हेमंत करकरे ने घटना से पहले उनसे बात की थी। त्रिवेदी ने कहा कि 1993 के दंगों के बाद मुंबई पुलिस के बारे में अनाप-शनाप बोलकर विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया तो बोलिए उसके खिलाफ। सबसे ज्यादा आरोप आपके नेता बाला साहब ठाकरे पर लगाए गए। लेकिन ये तो बेचारे शेर रह नहीं गए हैं दो-दो रिंग मास्टर के बीच में हैं, जैसे वो बोलेंगे ये वैसा ही करेंगे।
#ParamBirWitnessScam | मुंबई पुलिस के खिलाफ इतनी उल्टी बातें की गई, आपने उसके खिलाफ कुछ क्यों नहीं बोला? आज पत्रकारों के खिलाफ FIR कर रहे हो। FIR से राजनीति नहीं होती है: BJP के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राजनीतिक विश्लेषक विक्रम सिंह यादव से कहाhttps://t.co/G945HvzM0Z pic.twitter.com/EvhcObCFCb
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) October 23, 2020
बता दें कि मुंबई पुलिस का आरोप है कि जिन पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वो मुंबई पुलिस को बदनाम कर रहे हैं। हालांकि रिपब्लिक टीवी ने मुंबई पुलिस की इस कार्रवाई को टारगेटेड अटैक बताया है।
इससे पहले मुंबई पुलिस ने धारा 91 के तहत रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को एक नोटिस भी जारी किया था। इस नोटिस में मुंबई पुलिस ने चैनल की सभी ट्रांजैक्शन की डिटेल्स मांगी हैं।