Mumbai Civic Polls: पिछले तीन सालों में बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी द्वारा विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का 99 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा महायुति विधायकों द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले निर्वाचन क्षेत्रों के वार्डों में गया है। विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर पक्षपात का आरोप लगाया है। विपक्षी विधायकों और सांसदों ने कहा कि सड़क रखरखाव, जल निकासी व्यवस्था में सुधार, शौचालयों की मरम्मत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेंच जैसी सुविधाओं के लिए बीएमसी ने उनकी धनराशि की मांग को नजरअंदाज कर दिया।
इंडियन एक्सप्रेस ने मुंबई भर के नौ विपक्षी विधायकों, एमएलसी और सांसदों से बात की, जिन्होंने एक स्वर में कहा कि बार-बार याद दिलाने, वार्ड कार्यालयों का दौरा करने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के संरक्षक मंत्रियों से सीधे अपील करने के बावजूद उनके प्रस्ताव अटके हुए हैं।
शिवसेना यूबीटी के विधायक सुनील प्रभु ने बताया, “मैं लगभग ढाई साल से नालियों की मरम्मत, सड़कों के पुनर्निर्माण और पुराने सार्वजनिक टॉयलेट के जीर्णोद्धार जैसे कामों के लिए लगातार संपर्क में हूं। एक भी प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ है। हमें पैसे हासिल करने के लिए सत्ताधारी दल में शामिल होने के लिए कहा गया था। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग पूछते हैं कि अन्य क्षेत्रों में नई सड़कें या शौचालय कैसे बन रहे हैं। हम उन्हें क्या जवाब दें।”
एक भी रुपया स्वीकृत नहीं किया गया- सुनील राउत
भांडुप पश्चिम से शिवसेना यूबीटी के विधायक सुनील राउत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ““भांडुप और विक्रोली के कुछ हिस्से भूस्खलन की चपेट में हैं, जहां चारदीवारी और ढलान संरक्षण कार्यों में देरी नहीं की जा सकती। मानसून के दौरान, लोग मुझे ढलानों से मिट्टी खिसकने की तस्वीरें और वीडियो भेजते हैं। एक भी रुपया स्वीकृत नहीं किया गया। हम चारदीवारी, शौचालय और छोटी सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाओं की बात कर रहे हैं। लोग वंचित महसूस करते हैं।”
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एक पैसा भी नहीं दिया गया- महेश सावंत
माहिम से शिवसेना यूबीटी के विधायक महेश सावंत ने कहा, “2024 में निर्वाचित होने के बाद, मैंने सार्वजनिक शौचालयों में सुधार, नालों की सफाई, टूटे हुए फुटपाथों की मरम्मत, छोटी गलियों के पुनर्निर्माण और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेंच और छोटे खुले स्थान बनाने के लिए कई प्रस्ताव प्रस्तुत किए। एक पैसा भी नहीं दिया गया। 2023 की नीति (विधायकों और सांसदों को नागरिक निधि मांगने का अधिकार देने वाली नीति) के तहत किए गए कार्यों का ऑडिट होना चाहिए।”
शिवाजी नगर- मानखुर्द से समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने बताया, “मेरे निर्वाचन क्षेत्र (मुंबई के सबसे बड़े झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में से एक) की अंदरूनी सड़कें लगभग अनुपयोगी हो गई हैं। मैंने इनकी हालत पालक मंत्रियों और यहां तक कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को भी दिखाई। मैंने उन्हें बताया कि इनके लिए कोई फंड नहीं है। यहां घोर पक्षपात है। सत्ताधारी दल के सभी विधायकों को फंड मिल रहा है, लेकिन हमें नहीं।”
सभी पत्रों को अनसुना कर दिया- धारावी से कांग्रेस विधायक
धारावी से कांग्रेस विधायक ज्योति गायकवाड़ ने कहा, “मैंने पिछले दिसंबर से अब तक कम से कम छह पत्र धन जुटाने के लिए लिखे, लेकिन सभी को अनसुना कर दिया गया। उनमें से किसी का भी जवाब तक नहीं दिया गया। धारावी में शौचालयों और गलियों की तत्काल मरम्मत की जरूरत है, जिनमें से कुछ का नवीनीकरण सालों से नहीं हुआ है। लोग घनी आबादी वाले इलाकों में रह रहे हैं जहां बुनियादी नागरिक सुविधाएं अनिवार्य हैं, वैकल्पिक नहीं।”
वर्ली से शिवसेना यूबीटी के एमएलसी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैं हर साल कोई न कोई काम प्रस्तावित करता रहा हूं, लेकिन बीएमसी से मुझे कोई धनराशि नहीं मिली है। अब हमने अपने निर्वाचन क्षेत्र में काम करवाने के लिए बीएमसी से किसी भी प्रकार की धनराशि की उम्मीद करना छोड़ दिया है।”
मंत्री हमें जवाब नहीं देते- शिवसेना यूबीटी के एमएलसी सचिन अहीर
वर्ली से शिवसेना यूबीटी के एमएलसी सचिन अहीर ने बताया, “वर्ली तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन कई जरूरी काम लंबित हैं, नालियों की मरम्मत, आवासीय समितियों की चारदीवारी, कूड़े के ढेरों की सफाई, सौंदर्यीकरण और शौचालय। अधिकारियों का कहना है कि पालक मंत्री से मंजूरी लेनी होती है, लेकिन मंत्री कभी जवाब नहीं देते क्योंकि हम विपक्ष से हैं। यह मेरे वार्ड में रहने वाले लोगों के साथ अन्याय है।”
उत्तर पूर्वी मुंबई से शिवसेना यूबीटी सांसद संजय दीना पाटिल ने कहा, “मैंने पिछले कुछ महीनों में सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कुछ कार्यों का प्रस्ताव रखा था, लेकिन विपक्ष के अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों की तरह मुझे भी कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है। जब मैंने अपने प्रस्तावों की मंजूरी के बारे में पूछताछ की, तो जवाब मिला कि कोई हमसे संपर्क करेगा, लेकिन किसी ने भी हमसे संपर्क नहीं किया।”
विपक्ष की फाइलें तो आगे बढ़ी तक नहीं- कांग्रेस सांसद
नार्थ सेंट्रल मुंबई से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा, “सांसद के तौर पर मैंने सार्वजनिक कार्यों के लिए बार-बार नगर निगम निधि की मांग की, लेकिन पिछले तीन सालों में एक रुपया भी नहीं दिया गया। सत्ताधारी गठबंधन के सांसदों को लोकसभा चुनाव से पहले करोड़ों रुपये मिले, लेकिन विपक्ष की फाइलें तो आगे बढ़ी तक नहीं।” डेवलपमेंट फंड के बंटवारे में बड़ा अंतर, पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
