गरीबों और जनता के सरोकारों को आगे बढ़ाने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष लोक कल्याण, विकास, किसानों के विषय पर संसद में संवाद, चर्चा करे और कांग्रेस पार्टी संसद सत्र को सियासत की सूली पर चढ़ाने का प्रयास न करे।

नकवी ने कहा, ‘‘हमारी इच्छा है कि संसद सत्र सियायत की सूली पर नहीं चढ़े। हम आखिरी दम तक सबको साथ लेकर संसद सत्र चलाने को प्रतिबद्ध हैं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार हैं। इसके लिए हम सम्पर्क, संवाद और सभी से समन्वय स्थापित करने को तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन जिस तरह के बयान कांग्रेस पार्टी से आ रहे हैं, उससे उस पार्टी की मंशा का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। हम चाहते हैं कि सदन में चर्चा और संवाद के साथ सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और कांग्रेस इसमें सकारात्मक योगदान करे।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि जहां तक सियासी लड़ाई का सवाल है, हम इस पर दो दो हाथ करने को तैयार है लेकिन जन सरोकार, विकास और गरीबों के विषय को सियासी सूली पर नहीं चढ़ाया जाना चाहिए।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री नकवी ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी और कहा कि यह सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा पर आधारित है। उन्होंने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों का विश्वास बढ़ा है क्योंकि प्रधानमंत्री किसी समुदाय विशेष की बजाए ‘इंडिया फर्स्ट’ और सवा सौ करोड़ भारतीयों की बात करते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं की प्रक्रियाएं काफी जटिल हैं जिन्हें सामान्य व्यक्ति पूरा नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय इन प्रक्रियाओं को सरल बना रहा है।’’

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक योजनाओं के बारे में काफी कागजी औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है और ऐसे कागजी पचड़ों के कारण गरीबों को इन कल्याण योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। इसीलिये हम इन सभी प्रक्रियाओं को सरल बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय का इरादा अल्पसंख्यक कामगारों को बड़े बाजार नेटवर्क का हिस्सा बनाने का है। कौशल विकास, शिक्षा, कर्ज की उपलब्धता की इस रणनीति में अहम भूमिका होगी।

अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए विभिन्न कल्याण योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने उस्ताद योजना शुरू की है और पूर्व की योजनाओं को पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ा रहे हैं और इसे आम लोगों की दृष्टि से सरल बना रहे हैं। अल्पसंख्यकों विशेष तौर पर मुस्लिम समुदाय के बच्चों में शिक्षा के प्रसार के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि सच्चर समिति की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के 6 से 14 वर्ष के एक चौथाई बच्चे बीच में ही स्कूल छोड़ देते हैं और इनमें से काफी स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हैं। 17 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में इस समुदाय के बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धि 17 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 26 प्रतिशत है। मिडिल स्कूल स्तर पर केवल 50 प्रतिशत बच्चे स्कूली शिक्षा पूरी करते हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 62 प्रतिशत है।

नकवी ने कहा कि इसके साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए ‘हमारी धरोहर’ योजना भी लागू की जा रही है जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय की समृद्ध धरोहर का संरक्षण करना है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने नई मंजिल, नई रोशनी, सीखो और कमाओ, हुनर, पढ़ो परदेश जैसी योजनाएं पेश की है।