मुकेश अंबानी की RIL अब ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए आगे बढ़ रही है। मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी कंपनी 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से कम से कम 100 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेगी या उत्पादन की क्षमता हासिल करेगी जिसे कार्बन मुक्त ग्रीन हाइड्रोजन में बदला जा सकेगा।
उन्होंने साथ ही अगले एक दशक में हाइड्रोजन की लागत को एक डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने के लिए एक 1-1-1 टारगेट पेश किया। सौर और पवन जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से बिजली पैदा करने पर अगर ध्यान दिया जाएगा तो कार्बन एमिशन को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बता दें कि ग्नीन हाउस गैस एमिशन के मामले में अभी भारत तीसरे स्थान पर है।
ग्रीन हाइड्रोजन में बदलने पर यही बिजली ऑटोमोबाइल के लिए पेट्रोल एवं डीजल, और उद्योग में अन्य ईंधनों की जगह ले सकती है, जिससे जीवाश्म ईंधन, कार्बन उत्सर्जन में कटौती और आयात निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है।
अंबानी ने अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 2021 में कहा कि रिलायंस ग्रीन हाइड्रोजन बनाने की लागत को शुरू में दो डॉलर प्रति किलोग्राम से कम करने और अंततः इसे एक दशक में एक डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने के लक्ष्य पर काम करेगी।
नवीकरणीय संसाधनों से उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन की लागत लगभग तीन डॉलर प्रति किलोग्राम और 6.55 डॉलर प्रति किलोग्राम के बीच होती है। उन्होंने कहा कि प्रचुर मात्रा में सूर्य के प्रकाश के साथ, भारत केवल 0.5 प्रतिशत भूभाग पर 1,000 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है और देश ने पहले ही 100 गीगावाट स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है और दिसंबर 2022 तक 175 गीगावाट का लक्ष्य साफ दिख रहा है।
अंबानी ने कहा कि इसके अलावा, देश ने 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, “ग्रीन हाइड्रोजन कार्बन मुक्त ऊर्जा है। यह ऊर्जा का सबसे अच्छा और स्वच्छ स्रोत है, जो दुनिया की कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने की योजनाओं में एक अहम भूमिका निभा सकता है।” अंबानी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन की लागत को शुरुआत में दो डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने के साथ इसे सबसे किफायती ईंधन विकल्प बनाने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि रिलायंस इस दशक के अंत से पहले तेजी से इस लक्ष्य का पीछा करेगी और इसे हासिल कर लेगी। अंबानी ने कहा कि इससे भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के लिए एक दशक में एक डॉलर प्रति (1) किलोग्राम यानी 1-1-1 का लक्ष्य हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बनने में मदद मिलेगी।