हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों में से एक मुकेश अंबानी के घर पर सुरक्षा इंतजामों में बड़ी चूक सामने आई है। गुरुवार को अरबपति के दक्षिण मुंबई घर के बाहर एक वाहन में लगभग 20 जिलेटिन की छड़ें मिलीं। लेकिन क्या आपको पता है कि अंबानी दंपति को कौन सा सुरक्षा कवर मिला हुआ है? अगर नहीं तो यहां उसकी सारी डिटेल्स को आपको बताई जा रही हैं। बता दें कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आकलन किया जाता है कि किसी व्यक्ति की जान को कितना खतरा है। इसके बाद उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाती है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन को कौन सी सुरक्षा मिली हुई है?: मालूम हो कि रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी को जहां Z+ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है तो वहीं उनकी पत्नी नीता अंबानी को Y श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। गृह मंत्रालय साल 2013 से मुकेश अंबानी को ये सुरक्षा दे रहा है। Z+ श्रेणी की सुरक्षा के तहत मुकेश अंबानी की हथियारों से लैस कमांडो सुरक्षा करते हैं और एस्कॉर्ट वाहन उन्हें उनकी मंजिल तक ले जाता है। हालांकि, सुरक्षा की पूरी लागत का खर्च मुकेश अंबानी खुद उठाते हैं।
सुरक्षा की कितनी श्रेणियां होती हैं?: आमतौर पर, एक्स, वाई, वाई-प्लस, जेड, जेड-प्लस से लेकर एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन सर्विस) तक सुरक्षा कवर की छह श्रेणियां हैं। Z + सुरक्षा के तहत व्यक्ति की सुरक्षा के लिए 55 जवान तैनात होते हैं। गौरतलब है कि एनएसजी देश के वीआईपी और वीवीआईपी को सुरक्षा देने का काम भी करती है। कई एनएसजी जवानों को एसपीजी के तहत प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भी तैनात किया जाता है। जेड श्रेणी के तहत, 22 कर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है। Z + और Z दोनों सुरक्षा कवर में एक एस्कॉर्ट वाहन भी शामिल है। इस साल, Z + सुरक्षा के तहत 4 मर्सिडीज एएमजी जी 63 एसयूवी को भी शामिल किया गया है जिसकी कुल लागत 10 करोड़ रुपये तक है।
सुरक्षा कौन लोग करते हैं?: आमतौर पर विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान इसमें शामिल रहते हैं। दिल्ली पुलिस या आईटीबीएफ या सीआरपीएफ के जवानों द्वारा एस्कॉर्ट कार को सुरक्षा कवर भी दिया जाता है।
ऐसे सुरक्षा कितने लोगों को दी जाती है?: सरकार द्वारा लोकसभा में साझा की गई जानकारी के अनुसार लगभग 300 लोगों को इस तरह की सुरक्षा दी गई है।