विधानसभा चुनाव में बीजेपी को तीन राज्यों में मिली भारी जीत से पार्टी नेताओं का उत्साह बढ़ा हुआ है। इन राज्यों में सीएम कौन बनेगा यह तय नहीं हो सका है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। सोमवार (11 दिसंबर) को भोपाल में विधायक दल की बैठक है। इस बैठक में नए मुख्यमंत्री को लेकर नाम तय किए जाने की संभावना है।

मुख्यमंत्री एक होगा, लेकिन पद के दावेदार कई केंद्रीय मंत्री भी हैं

केंद्र की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर नए मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी के विधायकों, कार्यकर्ताओं से लगातार चर्चा कर रहे हैं। उनके साथ पार्टी के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा भी भोपाल भेजे गए हैं। अभी तक सीएम पद के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, पार्टी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय का नाम शामिल है।

महिला योजनाओं के बल पर शिवराज सिंह चौहान अकेले मैदान में लड़े

चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कई योजनाओं, खासकर महिलाओं को लेकर बनाई गईं योजनाओं की काफी चर्चा रही। महिलाओं को पेंशन, लाड़ली बहना योजना आदि का चुनाव में काफी फायदा मिला। शिवराज सिंह चौहान खुद को मामा कहलाना काफी पसंद करते हैं। चुनाव से पहले वे बोल भी रहे थे कि “महिला सशक्तीकरण की आवाज हूं; मैं शिवराज हूं, मैं शिवराज हूं।” पार्टी ने उन्हें सीएम पद का चेहरा नहीं घोषित किया था, लेकिन वे अपनी महिला योजनाओं के साथ अकेले ही मैदान में खुद को योग्य मुख्यमंत्री के रूप में पेश करते रहे।

चुनाव से पहले पार्टी ने नहीं किया था किसी एक नाम का ऐलान

पार्टी ने इस बार चुनाव से पहले सीएम के नाम का ऐलान नहीं किया था। पीएम मोदी के नाम पर ही पूरा चुनाव लड़ा गया था। लेकिन कई वरिष्ठ केंद्रीय के भी चुनाव लड़ने और जीतने से सीएम पद के दावेदार कई हो गए हैं।

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सोमवार (11 सितंबर 2023) को मध्य प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा। जिस भी नाम की घोषणा की जाएगी, क्या वह नाम सभी को स्वीकार होगा। अहम का टकराव या वरिष्ठता को लेकर पार्टी में असंतोष का सामना नहीं करना पड़ेगा।

दूसरी तरफ चर्चा में प्रह्लाद सिंह पटेल का नाम भी काफी आगे है। अगर वे सीएम बनते हैं तो क्या शिवराज सिंह चौहान को कोई नाराजगी होगी। इस मुद्दे पर पार्टी सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं का संबंध काफी अच्छा है। लिहाजा शिवराज सिंह चौहान को अगर मौका नहीं मिलता है तो प्रह्लाद सिंह पटेल के नाम से भी उन्हें कोई नाराजगी नहीं होनी चाहिए। यह सब सोमवार (11 दिसंबर) को साफ हो जाएगा।