संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की और महंगाई के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या सरकार से सवाल करना भी गुनाह है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, “भयंकर महंगाई के बीच गृहस्थी को चाहिए थी संजीवनी। भाजपा सरकार ने आटा, अनाज, मुरी, गुड़, दही पर गृहस्थी सत्यानाश टैक्स (GST) टैक्स लगाकर महंगाई का बोझ और बढ़ा दिया। पीएम मोदी खर्चा बढ़ा रहे हैं और संसद में चर्चा से कतरा रहे हैं।”

कांग्रेस महासचिव ने पूछा कि क्या महंगाई पर चर्चा करना “असंसदीय” है? संसद सत्र के दौरान विपक्ष ने महंगाई, अग्निपथ योजना, असंसदीय शब्दों की सूची और जीएसटी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। लोकसभा में चर्चा के बीच विपक्ष के सांसद जमकर हंगामा करते रहे। इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जो सदस्य नारेबाजी कर रहे हैं कि वे चर्चा में हिस्सा लें, जनता चाहती है कि संसद चले। हालांकि, विपक्षी सदस्य बार-बार हंगामा करते रहे जिसके कारण सदन की कार्यवाही को अगले दिन यानी गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित करना पड़ा।

पीयूष गोयल ने किया सरकार का बचाव

वहीं, केंद्रीय मंत्री गोयल ने सरकार का बचाव किया और कहा कि वह किसी भी मुद्दे पर बहस को तैयार है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अभी कोविड-19 से संक्रमित हैं और एक बार वह ठीक हो जाएं तो महंगाई और जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। पीयूष गोयल ने कहा कि जिस जीएसटी परिषद की बैठक में यह फैसला हुआ था उसमें कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्री भी शामिल थे। मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के स्थानीय निकाय के चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि जनता ने बता दिया है कि वे किसके साथ हैं।