राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने नरेंद्र मोदी सरकार को सलाह दी है कि वे कश्मीरी पंडितों के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अलग से कॉलोनी बनावाएं। आरएसएस ने मांग की है कि कश्मीरी पंडितों की संपत्ति को भी वापस करवाई जाए। ‘द प्रिंट’ में छपी एक खबर के मुताबिक आरएसएस की यह सलाह उस ‘विशलिस्ट’ का हिस्सा है जिसे आरएसएस ने हाल ही में कश्मीरी पंडितों की ओर से सरकार को भेजा है।

आरएसएस के एक सीनियर नेता ने बताया कि ‘कश्मीरी पंडितों का कड़ी से कड़ी सुरक्षा के साथ पुनर्वास किया जाना चाहिए। उन्हें दो से तीन मंजिला कॉलोनी में एकसाथ शिफ्ट किया जाना चाहिए। ऐसा करने से पहले सरकार को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इसके साथ ही उन्हें रोजगार के सामान अवसर भी मिलने चाहिए। कश्मीरी पंडितों की संपत्ति को भी वापस करवाई जाए।’

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीरी पंडितों को सरकार से आस है कि उन्हें उनका हक फिर से वापस मिलेगा। वह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनके पुनर्वास के लिए सरकार जल्द बड़ा कदम उठाए। इसी कड़ी में अब आरएसएस भी सरकार पर दबाव बना रही है कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी होनी चाहिए।

बीते महीने नागपुर में आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के मुद्दे पर अपने विचार रखे थे। उन्होंने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जम्मू कश्मीर में हिन्दू शरणार्थियों को राज्य के नागरिकता अधिकार दिए जाने चाहिए और आतंकवाद के चलते घाटी छोड़ने को मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास किया जाना चाहिए ।

उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को एक दिशा और एक नीति पर आगे बढ़ने के लिए केंद्र के साथ काम करना चाहिए तथा राष्ट्रवादी शक्तियों को मजबूत किया जाना चाहिए और ‘‘अवांछित’’ गतिविधियों का खात्मा किया जाना चाहिए। भागवत ने कहा कि राज्य की स्थिति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत से मुद्दे अभी भी अटके पड़े हैं । विभाजन के दौरान और उसके बाद बहुत से हिन्दू पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित हो गए तथा वहां पहुंचे। शेख अब्दुल्ला ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें उनके अधिकार दिए जाएंगे।

बता दें कि साल 1989 में घाटी में चरमपंथ के उभार के साथ ही कश्मीरी पंडितों पर हमले शुरु हो गए थे। जिसके बाद बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने घाटी छोड़ दी थी। यह तादाद करीब 2 से 3 लाख के करीब बतायी जाती है।