दिवंगत प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव का स्मारक बनाने के राजग सरकार के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए सपा नेता आजम खान ने कहा कि केंद्र को ‘‘बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल’’ लोगों को सम्मानित करने का ‘‘शौक’’ है।
उन्होंने कल मीडियाकर्मियों से कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव का स्मारक बनाने का केंद्र सरकार का प्रस्ताव इस बात का संकेत है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को एक ऐसे व्यक्ति को सम्मानित करने का शौक है जो बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश में शामिल था।
आजम ने भाजपा और आरएसएस के बीच संबंधों को लेकर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस जड़ है और भाजपा शाखा है तथा वर्तमान सरकार आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद द्वारा चलाई जा रही है। वे उन लोगों को सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो उस समय की सरकार में प्रधान पदों पर होने के बावजूद ऐतिहासिक स्मारक को गिराने के जिम्मेदार थे।’’
सपा नेता ने कहा, ‘‘वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, जो विध्वंस मामले के मुख्य आरोपियों में माने जाते हैं, उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।’’
उत्तर प्रदेश के मंत्री ने सीबीआई पर हमला बोला और कहा कि वह केंद्र के दास की तरह काम कर रही है। उन्होंने विवादित ढांचा गिराए जाने की घटना में आरोपी भाजपा नेताओं से जवाब मांगने के उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले की सराहना की।
आजम ने कहा, ‘‘भले ही हत्या, लूट, आगजनी और राजद्रोह में शामिल लोगों को सराहना मिल रही है, यह काफी राहत की बात है कि उच्चतम न्यायालय ने सवाल किया है कि विध्वंस में शामिल लोगों को आरोपी क्यों न बनाया जाए।’’
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वरिष्ठ भाजपा नेताओं-लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी तथा केंद्रीय मंत्री उमा भारती और 16 अन्य से एक ताजा याचिका पर जवाब मांगा था। यह याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के 2010 के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में उनके खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप खत्म कर दिया गया था।