संसद के मौजूदा बजट सत्र को एक दिन बढ़ाकर शनिवार तक किया जा रहा है। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी। सूत्रों ने बताया कि सरकार 2014 से पहले और बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए एक ‘श्वेत पत्र’ पेश करने की योजना बना रही है। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार कांग्रेस की पूर्ववर्ती UPA सरकार के 10 सालों के आर्थिक कुप्रबंधन पर एक ‘श्वेत पत्र’ लाने वाली है इसलिए बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है।

संसद के सत्र विस्तार और श्वेत पत्र पर बीएसपी सांसद मलूक नागर ने कहा, ”सत्र बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। यह अच्छा है कि श्वेत पत्र लाया जा रहा है। किसी भी सरकार का पिछला काम सामने आएगा।”

UPA और NDA कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की तुलना

मोदी सरकार इस ‘श्वेत पत्र’ के जरिए अपने और यूपीए सरकार के दौरान देश की आर्थिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन पेश कर सकती है। श्वेत पत्र में आर्थिक कुप्रबंधन के अलावा यूपीए सरकार के दौरान उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के असर के बारे में भी बात की जाएगी। साथ ही पत्र में भारत की आर्थिक दुर्गति और अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक प्रभावों को भी विस्तार से रखा जाएगा। ये श्वेत पत्र सदन में 9 फरवरी या फिर 10 फरवरी को पेश किया जा सकता है। संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और इसे 9 फरवरी 2024 को खत्म होना था, अब यह 10 फरवरी तक चलेगा।

वित्त मंत्री सीतारमण ने अंतरिम बजट भाषण में किया था श्वेत पत्र का जिक्र

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा था कि केंद्र सरकार 2014 से पहले और बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए श्वेत पत्र जारी करेगी। वित्त मंत्री ने कहा था, “केवल उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक लेने के उद्देश्य से अब यह देखना उचित है कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं। सरकार सदन के पटल पर श्वेत पत्र रखेगी।”

श्वेत पत्र क्या है?

श्वेत पत्र एक सूचनात्मक दस्तावेज है जो किसी कंपनी या गैर-लाभकारी संगठन द्वारा किसी समाधान, उत्पाद या सेवा की विशेषताओं को बढ़ावा देने या उनके बारे में जानकारी देने के लिए जारी किया जाता है। श्वेत पत्र का उपयोग सरकारी नीतियों और कानूनों को प्रस्तुत करने और जनता की राय जानने की एक विधि के रूप में भी किया जाता है।