प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का सपना तभी पूरा होगा जब तक उत्तर प्रदेश की इकॉनमी 1 ट्रिलियन डॉलर नहीं होगी। यह बयान 15वें फाइनेंस कमिशन के चेयरमैन एनके सिंह ने दिया है। उन्होंने मंगलवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आयोग के सदस्यों और मंत्रियों के साथ 15वीं फाइनेंस कमशिन की बैठक की। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चेयरमैन ने यह बयान दिया।
उन्होंने कहा ‘अगर पीएम मोदी का भारत की इकॉनमी को 5 ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य है तो पहले यह महत्वपूर्ण है कि यूपी की इकॉनमी को 1 ट्रिलियन बनाया जाए। जब तक यूपी एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी नहीं बनता तब तक भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी नहीं बन सकेगा।’
एनके सिंह ने कहा कि ‘बीते कुछ सालों में यूपी की औसतन जीडीपी ग्रोथ देश के औसत के मुकाबले अच्छी रही है। यूपी राजकोषीय अनुशासन बनाने में कामयाब रहा है। कमिशन राज्य की प्रगति से संतुष्ट है। हालांकि सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में देश के मुकाबले यूपी अभी पीछे है। यूपी में शिक्षा, शिशु मृत्यु, इंस्टीट्यूशन डिलीवरी और रक्तहीनता जैसे राज्य सतत विकास के लक्ष्य राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं। खास बात यह है कि राजनीतिक स्थिरता के चलते यूपी आगे बढ़ रहा है और इस राज्य के पास आगे का रोडमैप भी है।’
बहरहाल अगर ऐसा है तो सीएम योगी पर प्रेशर बढ़ना तय है। देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले इस राज्य में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए योगी सरकार को अलग रणनीति पर काम करना होगा। हालांकि सीएम योगी खुद भी राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी की बात कह चुके हैं।
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार का 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इंडियन इकॉनमी का सपना खतरे में दिखाई दे रहा है। भारत 2019 में विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है लेकिन वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर 5.8 से 5 प्रतिशत रही गई। विश्व और देश में मौजूदा समय में जो चुनौतियां है वह मोदी के सपने को धूमिल करती हुई नजर आ रही है।
आर्थिक सुस्ती से जूझ रहे तमाम सेक्टरों में जान डालने के लिए सरकार ने बीते कुछ दिनों में कई अहम घोषणाएं भी की हैं। लेकिन इसका फिलहाल जमीनी स्तर पर उतना प्रभाव नहीं दिखाई पड़ रहा जितने की उम्मीद की जा रही थी।