महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। यहां बाहरी लोगों को लाने की कोई जरूरत नहीं है। यहां तो पहले ही काफी आबादी है। नागरिकता को लेकर न तो बीजेपी को और न ही अन्य दलों को राजनीति करनी चाहिए। सरकार लोगों की चिंता दूर करे। कहा कि लोग कानून से भ्रम में हैं। उन्हें सही बात की जानकारी नहीं है। इसीलिए वे हिंसा कर रहे हैं।
बाहरी लोगों को यहां शरण देने की जरूरत नहीं : पुणे में शनिवार को अपनी पार्टी की एक मीटिंग को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि वित्तीय संकट से ध्यान भटकाने के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लाया गया और इसमें अमित शाह को सफलता मिली है, उनको बधाई देता हूं। देश की पुलिस को पता है कि कौन बाहरी है और कौन यहां का है, लेकिन उसके हाथ बंधे हैं। वह कार्रवाई नहीं कर सकती है। कहा कि बाहरी लोगों को यहां शरण देने की जरूरत नहीं है। बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले लोगों को निकाला जाना चाहिए।
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लोगों को डराकर नहीं चलेगा देश : उन्होंने कहा कि यहां का सिस्टम काफी खराब है। यहां रह रहे मुस्लिमों को असुरक्षित महसूस करने की जरूरत नहीं है। लेकिन हमें देखना चाहिए कि कितने मुसलमान बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल से यहां आ रहे हैं। इस तरह के कानून लाने में भ्रम की कोई जरूरत नहीं है। कुछ कठोर कदम उठाने की जरूरत है। नहीं तो देश हाथ से निकल जाएगा। कहा कि सिर्फ कानून बनाने से देश नहीं चलेगा, कानून पर अमल करना होगा। लेकिन लोगों को भ्रम में डालकर नहीं, उन्हीं कानून के बारे में सही ढंग से बताकर ही बात बनेगी।
बोले मुसलमान डरें नहीं, उन्हें कोई निकाल नहीं सकता : उन्होंने कहा कि यहां के मुसलमान को डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें कोई नहीं निकाल सकता है। लेकिन कुछ लोग उनको बहका रहे हैं। उनको गुमराह कर रहे हैं। मुसलमानों को चाहिए कि वे उनकी चाल में न फंसे। वे उनको आंदोलन की आग में झोंककर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। उससे न तो मुसलमानों का कोई विकास होगा और न ही उनकी दिक्कतें ही दूर होंगी। लेकिन राजनीतिक नेताओं को जरूर फायदा हो जाएगा।