कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के विधायक केआर रमेश कुमार ने विधानसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब बलात्कार होना ही है, तो लेटो और मज़े लो। इस बयान के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस टिप्पणी के दौरान सभा में मौजूद अन्य सदस्य और स्पीकर हंसने लगे थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो लोगों की नाराजगी बाहर आई। राष्ट्रीय महिला आयोग से लेकर अन्य यूजर्स ने जन प्रतिनिधियों के व्यवहार पर आपत्ति जताई है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने कहा कि यह दुखद है कि महिलाओं सहित लोगों की भलाई के लिए विधानसभा में मौजूद एक जनप्रतिनिधि इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। वह संवेदनशील नहीं हैं और नहीं जानते हैं कि बलात्कार का महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है। ‘पीपल अगेंस्ट रेप इन इंडिया’ (परी) का नेतृत्व करने वाली कार्यकर्ता योगिता भयाना ने कहा कि ‘‘बेशर्म’’ विधायक की यह टिप्पणी दिल्ली सामूहिक बलात्कार के नौ साल पूरे होने के दिन आई है।
भयाना ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “कर्नाटक विधानसभा की यह वीडियो कल (बृहस्पतिवार) की है, जब देश में निर्भया कांड के नौ वर्ष पूरे हुए। हमारी महिलाओं की रक्षा करने के लिए हम इन्हें (विधायकों) वोट देते हैं और यह बेशर्म (विधायक) बलात्कार को मजा बता रहे हैं।”
क्या हुआ था? : कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के पास गुरुवार को वक्त की कमी थी और उन्हें शाम छह बजे तक चर्चा को पूरा कराना था जबकि विधायक समय बढ़ाने का आग्रह कर रहे थे। कागेरी ने हंसते हुए कहा, “मैं उस स्थिति में हूं जहां मुझे मजा लेना है और हां, हां करना है। ठीक है। मुझे तो यही महसूस होता है। मुझे स्थिति को नियंत्रित करना छोड़ देना चाहिए और कार्यवाही व्यवस्थित तरीके से चलानी चाहिए। मुझे सबसे कहना चाहिए कि आप अपनी बात जारी रखें। “
उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत केवल इतनी है कि सदन का कामकाज नहीं हो रहा है। पूर्व मंत्री रमेश कुमार ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए कहा, “देखिए, एक कहावत है- ” जब बलात्कार होना ही है, तो लेटो और मज़े लो। आप एकदम इसी हालत में हैं।”
विवाद बढ़ने पर मांगी माफी: कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने ‘बिना सोचे समझे’ की गई अपनी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को माफी मांगी। जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कुमार खड़े हो गए और कहा कि उन्होंने (गुरुवार को विधानसभा में) एक बयान दिया, जिसे लोगों ने अपमानजनक पाया। कुमार ने कहा कि हालांकि, मेरा इरादा कभी इस सदन की गरिमा को कम करने या निम्न व्यवहार करने का नहीं था। मैं अपना बचाव नहीं करूंगा। मैं सदन की कार्यवाही के दौरान अपने बयान के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं, अगर इससे देश के किसी भी हिस्से के लोगों को ठेस पहुंची है।’’