उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने के मामले में बेटे मोनू मिश्रा के ऊपर आरोप लगने के बाद विवादों में घिरे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा गुरुवार को एक सरकारी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। हालांकि इस कार्यक्रम के मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी गई।
गुरुवार को दिल्ली के महिपालपुर में जेल अधिकारियों का एक राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित किया गया। इसमें गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। हालांकि शुरू में इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए मीडिया को इजाजत दी गई थी। लेकिन बाद में मीडिया को इस कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया गया। गौरतलब है कि बतौर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस से जुड़े मामले को देखते हैं।
इससे पहले बुधवार को अजय मिश्रा गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलने पहुंचे थे। चौतरफा आलोचनाओं से घिरे और विपक्षी नेताओं के द्वारा इस्तीफे की मांग के बीच अजय मिश्रा अमित शाह से मिले थे। सबसे पहले वे नार्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में गए। इसके बाद वे अमित शाह से मिले जहां करीब आधे घंटे तक दोनों के बीच मुलाक़ात हुई।
बता दें कि 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई। जिसमें 4 किसान, 3 भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल थे। लखीमपुर खीरी में हुई इस हिंसक घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
वहीं उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने इस मामले में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। इसको लेकर उत्तरप्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कि यूपी सरकार की तरफ से लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। आयोग को मामले की जांच के लिए दो महीने का समय दिया गया है। इस जांच कमीशन में इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को शामिल किया गया है।