आज से 26 बरस पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक भीड़ ने बाबरी मस्जिद ढ़ाह दी थी। इस घटना के बाद देश के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे, जिनमें जान और माल का भारी नुकसान हुआ। इसकी बरसी पर हरियाणा सरकार में मंत्री और भाजपा नेता अनिल विज ने कहा कि बाबर ने नियम और कानून के आधार पर मंदिर नहीं तोड़ा था। उसने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि वह ताकतवर था। अब रामभक्त शक्तिशाली हुए तो मंदिर गिरा दी। अब वे इस अपमान को समाप्त करने के लिए राम मंदिर का निर्माण करेंगे।
अनिल विज ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “देखिए, जिस दिन बाबर मजबूत था, शक्तिशाली था, उसने सदियों से बना हुआ राम मंदिर गिराकर वहां पर मस्जिद बना दिया। जिस दिन हिंदू शक्तिशाली हुए, जिस दिन रामभक्त शक्तिशाली हुए उन्होंने वो मस्जिद गिरा दिया। और शक्तिशाली हो जाएंगे तो वहां पर राम मंदिर भी बन जाएगा। बाबर ने जो मस्जिद तोड़ी थी, किसी कानून के तहत नहीं तोड़ी थी। अपनी ताकत के बल पर तोड़ी थी। रामभक्तों को भी अपनी ताकत के बल पर ये जो हिंदुस्तान के माथे पर कलंक लगा हुआ है, उसे मिटाना पड़ेगा। वहां पर भव्य मंदिर बनाना पड़ेगा।”
बता दें कि अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस की 26वीं बरसी पर हिंदूवादी संगठनों ने शौर्य दिवस और मुस्लिम संगठनों ने काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर पुलिस तलाशी भी ले रही है। आने-जाने वाले रास्तों पर बैरियर लगाकर पहरेदारी बढ़ा दी गई है।
उधर, दूसरी ओर बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी को एक बार फिर से पत्र भेजकर जान से मारने की धमकी दी गई है। इस बार पत्र भेजने वाले ने पत्र में ना सिर्फ इकबाल अंसारी को मुकदमा वापस लेने की धमकी दी है बल्कि बाबरी मस्जिद मुकदमे की वकालत कर रहे अधिवक्ता जफरयाब जिलानी के नाम का जिक्र भी इस पत्र में किया गया है। इसके मद्देनजर उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पिछले कुछ दिनों से अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हलचल तेज हो गई है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर और भी ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। अयोध्या के सभी प्रवेश मार्गो पर बेरिकेडिंग लगाकर तलाशी ली जा रही है। श्रद्धालुओं को भी जांच से गुजरना पड़ रहा है और उसके बाद ही उन्हें प्रवेश की इजाजत दी जा रही है। जिले में पहले से ही धारा 144 लागू है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है, तो वहीं अभी रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जनवरी, 2019 में सुनवाई करेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)