लोकसभा में मंगलवार को सूखा और पेयजल संकट पर चर्चा के दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य सदन में एसी में बैठकर धरना देने के बजाय बाहर 45 डिग्री तापमान में धरना दें। मंत्री ने यह बयान कांग्रेस सदस्यों के शोर-शराबे से नाराज होकर दिया। उन्होंने कांग्रेसी सदस्यों को विशेषाधिकार हनन की नोटिस देने की भी चेतावनी दी। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे से क्षुब्ध दिख रहे मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैं कांग्रेस को अच्छी तरह से जानता हूं। मेरा मत खुलवाइए।’ सिंह लम्बे समय तक कांग्रेस पार्टी में रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि गांधी प्रतिमा के पास 45 डिग्री सेल्सियस तापमान में धरना देना चाहिए। ये यहां इसलिए धरना दे रहे हैं ताकि इन्हें पसीना भी नहीं आए। मंत्री ने नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्यों के संदर्भ में कहा, ‘इनमें से कोई भी किसान नहीं है। सब मौज उड़ाने वाले लोग हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी पार्टी के सदस्य मेरे विशेषाधिकार का हनन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आपके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाऊंगा।’ अपना बयान समाप्त करते हुए सिंह ने कहा, ‘हमने दो साल में जो प्रबंधन किया है, अगर उसमें राज्य सरकारों का साथ मिले तो हम पेयजल के संकट को दूर करने में सफल होंगे।’

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कांग्रेस सदस्यों के ‘प्रधानमंत्री जवाब दो, जवाब दो’ के नारे पर मंत्री ने गुस्से के अंदाज में कहा, ‘चुप करो, चुप करो।’ सिंह ने कांग्रेसी सदस्यों की टोकाटोकी और व्यवधान पर आसन पर बैठे सभापति हुकुम सिंह से आग्रह किया, ‘महोदय ये लोग मुझे अपनी बात नहीं रखने दे रहे। मेरी बात पूरी होने दी जाए।’ बीरेंद्र सिंह के बोलने के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में उनकी पार्टी के कई सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया। उन्‍होंने कहा कि मंत्री अन्य मंत्रालयों की ओर से जवाब क्यों रख रहे है। कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि जब सदन में सूखे पर चर्चा हो रही है और पूरा देश पानी की कमी के संकट पर चिंता जता रहा है ऐसे में कांग्रेस के सदस्य चर्चा में अवरोध उत्पन्न कर किसानों की अवहेलना कर रहे हैं।

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