अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के खानों में 30% मिलेट (श्री अन्न) भी मिला होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने ऐसा आदेश जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के आह्वान पर सभी बलों से विस्तृत चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में यह कदम महत्वपूर्ण है। गृह मंत्रालय ने सभी बलों को मिलेट आधारित मेन्यू शुरू करने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “बलों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दिखाई है और नियमित रूप से भोजन में मिलेट पेश करने के लिए उत्सुक हैं। CAPFs और NDRF के विभिन्न कार्यों और कार्यक्रमों में मिलेट का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा। केन्द्रीय पुलिस कल्याण भंडार, परिसरों की किराना दुकानों और राशन की दुकानों में समर्पित काउंटर और कॉर्नर स्थापित करके भी मिलेट उपलब्ध कराया जाएगा।”

फोर्स इस क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से मिलेट आधारित व्यंजन तैयार करने के लिए रसोइयों के प्रशिक्षण का आयोजन करेगा। मोटे अनाज के उपयोग के लिए सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आहार विशेषज्ञों और विशेषज्ञ एजेंसियों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा ‘Know Your Millets’ पर विभिन्न कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, सेमिनारों, वेबिनारों, कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र ने मोटे अनाज के महत्व को पहचानते हुए भारत सरकार के कहने पर लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के साथ-साथ घरेलू और वैश्विक मांग पैदा करने के लिए 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से बयान में कहा गया है कि श्री अन्ना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान से देश के करोड़ों लोगों की पोषण संबंधी जरूरतें पूरी होंगी।

मोटा अनाज सेहत के लिए अच्छा होता है और किसानों के लिए फायदेमंद और पर्यावरण के अनुकूल भी होता है। बयान में कहा गया है कि बाजरा कम पानी की जरूरतों के साथ ऊर्जा सघन, सूखा प्रतिरोधी है और इसे आसानी से शुष्क मिट्टी, पहाड़ी इलाकों और कीटों के लिए कम संवेदनशील स्थानों पर उगाया जा सकता है।