MGNREGA Name Change: केंद्र की मोदी सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून को बदलकर वीबी जी राम जी यानी विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण लेकर आई है। इसका विधेयक मंगलवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में पेश किया था। इस नए नाम लेकर सियासत खूब हो रही है। विपक्ष इसे महात्मा गांधी का अपमान और सरकार की नाम बदलने की सनक बता रहा है।
दूसरी ओर सरकार जिन ग्रामीण और आम नागरिकों के लिए ये योजना लेकर आई है, उनके मन में नाम से इतर कई तरह के सवाल हैं। मनरेगा योजना का लाभ लेने वालों के मन में सवाल हैं कि उनके लिए इस योजना के बाद क्या-क्या बदल जाएगा। अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं, तो उसका जवाब आपको इस लेख में आसानी से मिल जाएगा।
सवाल – केंद्र सरकार क्यों लाई VB-G RAM G योजना?
जवाब – मनरेगा के स्थान पर केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित VB-G RAM G योजना के विधेयक में कहा गया कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। विधेयक में इस योजना के प्रस्ताव के उद्देश्य में कहा गया कि पिछले 20 साल में MGNREGA ने ग्रामीण परिवारों को रोजगार दिया, लेकिन गांवों में हुए सामाजिक-आर्थिक बदलाव हुए हैं। उनके आधार पर ही अब समय आ गया है कि इस योजना को ज्यादा मजबूत किया जाए।
सवाल – VB-G RAM G में कितने दिन रोजगार मिलेगा?
जवाब – अभी तक के प्रावधान के मुताबिक मनरेगा में साल भर में 100 दिन रोजगार मिलता है लेकिन नई योजना में सालाना 125 दिन के रोजगार का प्रस्ताव है। प्रस्तावित विधेयक के तहत बिना कौशल वाले काम को करने को तैयार प्रत्येक ग्रामीण परिवार को हर साल 125 दिन का वेतनयुक्त रोजगार मिलेगा।
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सवाल – मनरेगा योजना खत्म हो जाएगी या दोनों योजनाएं साथ-साथ चलती रहेंगी?
जवाब – जी राम जी वाली योजना संसद से पारित होने और लागू होने के बाद MGNREGA पूरी तरह खत्म की जाएगी। नया विधेयक साफ तौर पर 2005 के MGNREGA कानून को रद्द करने का बात कर रहा है।
सवाल – 60 दिन तक रोजगार क्यों नहीं मिलेगा?
जवाब – नई योजना के तहत बुआई और कटाई के समय 60 दिन तक श्रमिकों को रोजगार नहीं दिया जाएगा। इसका मकसद ये है कि खेती के लिए भी मजदूर ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध रहें।
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सवाल – कौन उठाएगा योजना का खर्च?
जवाब – पहले मनरेगा का पूरा खर्च केंद्र की सरकार उठाती थी लेकिन अब जी राम जी वाली योजना अगर पारित होती है, तो प्रावधान के तहत राज्यों को 10 से लेकर 40 फीसदी तक पैसा देना होगा।
सवाल – राज्यों को क्या काम करना होगा?
जवाब – अगर केंद्र सरकार द्वारा पेश विधेयक संसद से पारित होता है और इसे राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिल जाती है, तो कानून लागू होने के 6 महीने के अंदर सभी राज्यों को कानून के तहत अपनी नई योजना बनानी ही होगा। इसके लिए राज्यों को रजिस्ट्रेशन और आईडी वेरिफिकेशन का काम करना होगा। यह सब डिजिटल और बायोमेट्रिक के आधार पर करना होगा। इसलिए इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी को फिर से रजिस्ट्रेशन कराना ही होगा।
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सवाल – VB-G RAM G योजना में पैसे में कुछ बदलाव होगा या नही?
जवाब – सरकार द्वारा प्रस्तावित विधेयक में योजना के रोजगार में वेतन का जिक्र नहीं है। मतलब ये कि मजदूरी केंद्र और राज्य की सरकारें अपने-अपने हिसाब से तय कर सकती हैं। कुछ ऐसा मनरेगा में भी होता है। हालांकि अभी वेतन को लेकर यह नहीं कहा गया है कि वो बढ़ेगा या नहीं।
सवाल – 125 का रोजगार सभी को मिलेगा या इसमें किसी तरह के शर्त भी होगी?
जवाब – प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक 125 दिनों के रोजगार की गारंटी सभी को मिलेगी लेकिन इसमें शर्त भी होंगी। परिवार ग्रामीण क्षेत्र का होना चाहिए। परिवार का जो भी वरिष्ठ होगा, वो बिना कौशल वाला काम करने के लिए तैयार हो। इसके अलावा काम केवल सरकारी कार्यों में ही मिलेगा। मतलब ये कि लोगों को काम मांगना होगा।
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