केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली से सटे बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले कई हफ्तों से जारी है। इसी बीच क‍िसान आंदोलन के समर्थन में अब व्यापारी भी आ गए हैं। बिहार की राजधानी पटना में इस कानून के विरोध में व्यवसाई एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अनशन पर बैठे व्यवसाईयों का कहना है कि इस कानून से उनके व्यापार पर भी असर पड़ेगा।

व्यवसाईयों के अनसन के चलते कृषि उत्पादन बाजार समिति में काम-काज रहा ठप रहा। अनशन पर बैठे व्यवसाईयों ने दावा किया है कि नए कृषि बिल से 50 लाख से अधिक व्यवसाय प्रभावित होंगे। पटना फ्रूट वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत ने बताया कि सरकार के ये तीनों कानून किसान विरोधी हैं। किसानों के हित के साथ फल सब्जी व्यवसायी खड़े हैं। क्योंकि दोनों का जीवन एक दूसरे की सफलता पर ही निर्भर है।

शशिकांत ने कहा कि 2006 से पहले यहां मंडी की बेहतरीन व्यवस्था थी। किसानों को कभी अपने उत्पाद बेचने में परेशानी नहीं होती थी. लेकिन 2006 के बाद एपीएमसी एक्ट खत्म कर दिया गया। किसानों को नुकसान उठाना पर रहा है। सरकार को राजस्व का नुकसान अलग हो रहा।

इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कानूनों का विरोश कर रहे विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधा है। रीवा में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि कानूनों के विरोध में वो लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं जो पीएम मोदी का मैदान में मुकाबला नहीं कर सकते। मोदी का नाम सुनकर जिन्हें पसीना आ जाता है, जो एक के बाद एक चुनाव हार रहे हैं उन्हें कुछ और नहीं मिला तो किसान के कंधे पर बंदूक रख कर चला रहे हैं।

शिवराज ने कहा “हमने सुना है कि दिग्विजय और कमलनाथ उपवास करने वाले हैं, वो भी किसानों के साथ हुए अन्याय के लिए…अरे तुमने तो पाप किया है प्रायश्चित करो, भूखे रहो लेकिन प्रायश्चित करने के लिए रहो।” शिवराज ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। शिवराज ने राहुल को चुनौती दी कि वे ये बता दें कि भिंडी कैसे लगती है। वो लोग विरोध कर रहे हैं जिन्हें ये पता नहीं कि प्याज जमीन के ऊपर होता है या नीचे। उन्होंने आगे कहा कि गांव देखे नहीं। गांव की गलियां नहीं देखीं। खेत और पगडंडियां नहीं देखीं। वे अब किसान कानूनों की बात कर रहे हैं।