करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी गीतांजलि समूह के प्रमोटर मेहुल चोकसी ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से वह एंटीगुआ से भारत आने के लिए 41 घंटे का सफर नहीं कर सकता है। खराब सेहत की वजह से ही वह भारत नहीं आ पा रहा है। चोकसी ने यह बात मुंबई की एक कोर्ट को बताया है। कोर्ट को दिए लिखित जवाब में 59 वर्षीय चोकसी ने प्रवर्तन निदेशालय के ऊपर कोर्ट को उसकी सेहत के बारे में गुमराह करने का भी आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि सच्चाई यह है कि वह बैंकों के संपर्क में है और अपने बकाये राशि को लौटना चाहता है। चोकसी ने यह भी कहा कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जांच प्रक्रिया में भी शामिल होना चाहता था। वहीं, दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से मेहुल चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी संपत्तियों को जब्त करने की अपील की।
Mehul Choksi replies to ED in Bombay Court, says can’t travel for 41 hours to reach India due to poor health.He accuses ED of misleading probe by not revealing his health condition deliberately. He also says he is in constant touch with banks&wants to settle the issues (file pic) pic.twitter.com/UgDZPFUYqA
— ANI (@ANI) December 25, 2018
मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी पर पीएनबी से 13,500 करोड़ रुपये घोटाला करने का आरोप है। सीबीआई को दी गई विभिन्न शिकायतों में पीएनबी ने दावा किया है कि उसके अधिकारियों द्वारा मोदी को कई लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी किए गए, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ है। मामला प्रकाश में आने से पहले ही दोनों देश छोड़कर भाग गए थे। नीरव मोदी ने 6 जनवरी को देश छोड़ दिया था, जबकि चोकसी ने 4 जनवरी को ही देश छोड़ दिया। दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए। देश छोड़ने से पहले मेहुल ने पिछले साल ही एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी। इस साल 15 जनवरी को उसने उन देशों के प्रति वफादरी निभाने की भी शपथ ली थी। इसके कुछ दिनों बाद 29 जनवरी को सीबीआई ने एक केस दर्ज कर मेहुल और नीरव के खिलाफ जांच शुरू कर दी।
इस महीने की शुरूआत में सीबीआई के आग्रह पर इंटरपोल ने चौकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। पिछले महीने चौकसी के वकील ने कहा था कि यदि उनकी तबीयत सही हो जाती है तो वे अगले तीन महीने में भारत लौट आएंगे। वहीं, कुछ महीनों पहले चौकसी ने अपनी सेहत को लेकर कहा था, “मैं अपने स्वास्थ्य और अच्छे होने को लेकर चिंतित हूं क्योंकि मुझे डर है कि भारत में मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मेरे पसंद के अस्पताल में इलाज कराने नहीं दिया जाएगा। मुझे वहां अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलेंगी और केवल सरकारी अस्पताल में इलाज कराने दिया जाएगा। जेल में बंद किसी अपराध के आरोपी को उसकी पसंद का डॉक्टर नहीं मिलता।” (एजेंसी इनपुट के साथ)