Mehul Choksi Arrested: भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को लेकर सोमवार सुबह बड़ी खबर सामने आई कि उसे दो दिन पहले 12 अप्रैल को बेल्जियम से गिरफ्तार कर लिया गया है। मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक का 13 हजार करोड़ रुपये का गबन करके भागने के संगीन आरोप हैं। चोकसी वित्तीय घोटाला करके भारत से भाग गया था। चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने अनुरोध किया था, जिसके चलते बेल्जियम में भगोड़े चोकसी पर एक्शन लिया गया है।

एसोसिएटेड टाइम्स की रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारतीय अधिकारियों ने बेल्जियम के शीर्ष अधिकारियों से बात की और मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा। इसके बाद वहां के प्रशासन ने चोकसी को हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया है।

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Mehul Choksi ने दो साल पहले दिया था भारत को झटका

करीब दो साल पहले मेहुल चोकसी कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा में था। वहां भी भारत ने उसे वापस लाने के प्रयास किए थे। हालांकि भारत को सफलता नहीं मिल सकी थी क्योंकि Antigua और Barbuda की हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से प्रत्यर्पित किए जाने से इनकार कर दिया था, जो कि भारत के लिए झटका था।

Mehul Choksi पर क्या हैं आरोप?

मेहुल चोकसी पर आरोपों की बात करें तो उस पर अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक के पैसे का घोटाला करने के आरोप हैं। हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी की कंपनी गांतांजलि के देश भर में करीब 4000 स्टोर थे, जिसे चोकसी ने 1996 में स्थापित किया था। चोकसी को दिसंबर 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता मिली थी।

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2018 में छोड़ दिया था देश

पीएनबी से धोखाधड़ी का ये मामला जनवरी 2018 में सामने आया था और पीएनबी ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। बैंक ने आरोप लगाया था कि इन्होंने 2.81 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। मामला सामने आने के बाद जनवरी 2018 में चोकसी देश छोड़कर एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया था।

जब जारी हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस

चोकसी के भागने के बाद सीबीआई ने फरवरी 2018 जांच शुरू की थी। इसके तहत पहले PNB के ही दो कर्मचारियों की भी गिरफ्तारी हुई है। नीरव मोदी और चोकसी के चार हफ्ते के लिए पासपोर्ट जब्त कर करते हुए मुंबई की कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती आदेश जारी किया था। 2018 दिसंबर में चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। मार्च 2019 में एंटीगुआ और बारबुडा में चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

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2021 में दर्ज हुई गुमशुदगी की शिकायत

ईडी ने जुलाई 2019 में चोकसी की करीब 24.77 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। इसी साल सीबीआई कोर्ट ने चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द करने से मना कर दिया था। इस केस में सेबी ने गीतांजलि जेम्स पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। ये जुर्माना लिस्टिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया था। एंटीगुआ और बारबुडा में 23 मई 2021 को चोकसी की गुमशुदगी की शिकायत हुई थी।

डोमिनिका में हुई गिरफ्तारी फिर भी नहीं हुआ प्रत्यर्पण

मेहुल चोकसी को डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस पर चोकसी ने वकील ने तर्क दिया कि वो अब भारत का नागरिक नहीं है इसलिए उसे भारत में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता। इस मामले में एंटीगुआ की सरकार ने उसे भारत से सीधे प्रत्यर्पित किए जाने की बात कही थी। इसके बाद 27 मई, 2021 को डोमिनिकन सरकार ने कहा कि चोकसी अगले आदेश तक बाहर नहीं जा सकता है। जब जमानत मिली थी तो वो वापस एंटीगुआ चला गया था।

फरवरी, 2022 में भारत की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी थी कि मोदी, चोकसी और माल्या से 18 हजार करोड़ रुपये वसूले गए है। इस पूरे मामले में 2023 में एंटीगुआ हाई कोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार को झटका दिया था, जिसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।