श्रीनगर में मुक्त आवाजाही की मांग को लेकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इल्तिजा मुफ्ती से सवाल किया कि वह श्रीनगर में फ्री मूवमेंट क्यों चाहती हैं? चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सवाल किया कि जब श्रीनगर में इस वक्त काफी ठंड पड़ रही है, तो वह क्यों घूमना चाहती हैं?
बता दें कि इल्तिजा मुफ्ती की तरफ से उनकी वकील नित्या रामाकृष्णनन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। बीती 5 अगस्त से ही कश्मीर घाटी में लॉकडाउन है और फोन, इंटरनेट आदि बंद हैं। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इल्तिजा मुफ्ती की इस याचिका का विरोध किया। द टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार, सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका के विरोध में दलील देते हुए कहा कि महबूबा मुफ्ती की मां और बहन ने जिला प्रशासन से इजाजत लेकर उनसे मुलाकात की, ऐसे में वह यहां (सुप्रीम कोर्ट) क्यों आयी हैं?
मेहता ने अपील की कि सुप्रीम कोर्ट इल्तिजा की अपील पर कोई आदेश पास ना करे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार के विरोध को दरकिनार करते हुए इल्तिजा को अपनी मां से मिलने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “इसमें आपको क्या आपत्ति है, यदि वह कश्मीर में अपने घर जाना चाहती है? प्रत्येक नागरिक को इस फोरम पर अपील करने का अधिकार है।”
वहीं सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी को एम्स में शिफ्ट करने की इजाजत दे दी। बता दें कि सीताराम येचुरी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर आरोप लगाया था कि सीपीएम नेता यूसुफ तारिगामी की तबीयत काफी खराब है और लॉकडाउन के चलते उनकी हालत दिनों-दिन खराब हो रही है। कोर्ट ने इस मामले में निर्देश देते हुए कहा कि तारिगामी को एम्स में शिफ्ट करने के लिए समय और ट्रैवल के तरीकों पर फैसला राज्य सरकार शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों से कंसल्ट करने के बाद करेगी।