जम्मू-कश्मीर में शांति लाने के लिए भारत-पाक सुलह प्रक्रिया की बहाली की वकालत करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि यदि दोनों पड़ोसियों के बीच शत्रुता खबर बन सकती है तो सांस्कृतिक मधुरता खबर क्यों नहीं बन सकती।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे अचरज होता है कि यदि दोनों पड़ोसियों के बीच शत्रुता खबर बन सकती है तो सांस्कृतिक मधुरता खबर क्यों नहीं बन सकती।’
महबूबा ने सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक सूफी संत बाबा चमलियाल की दरगाह पर लगने वाले वार्षिक मेले में दोनों देशों के हजारों लोगों के साथ शिरकत की। सांसद जुगल किशोर शर्मा, राज्य के उद्योग मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा, पर्यटन मंत्री प्रिया सेठी भी उनके साथ थे। महबूबा ने कहा कि इस मेले के सामाजिक-धार्मिक महत्त्व को देखते हुए चमलियाल इस क्षेत्र में सुलह के नए अभियान का केंद्र बन सकता है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि हमारी नेकनीयती का हमारा पड़ोसी भी इसी भावना से जवाब देगा।’ उन्होंने दोनों पड़ोसियों के बीच अविश्वास दूर करने, वार्ता और सुलह के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क पर बल दिया। महबूबा ने कहा कि सहोदर को अनन्त दुश्मनी में धकेल दिया गया है। भारत और पाकिस्तान छह दशक से भी अधिक समय से दुश्मनी में उलझे हैं।