India-Pakistan News: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति को विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारत पाक के बीच सैन्य संघर्ष पारंपरिक क्षेत्र तक ही सीमित रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से किसी भी तरह के परमाणु हमले के संकेत नहीं दिए गए थे।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्ध विराम की घोषणा हुई थी। इसके नौ दिन बाद स्थायी संसदीय समिति को जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था और इसमें कोई अमेरिकी हस्तक्षेप नहीं था।
अमेरिका ने लिया था सीजफायर का क्रेडिट
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पहले अमेरिका ने भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर के मध्यस्थता का क्रेडिट लिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि दोनों देश “अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी रात की बातचीत के बाद” पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हुए हैं। ट्रंप ने ही दोनों देशों के बीच सीजफायर के ऐलान की घोषणा सबसे पहले की थी, जिसको लेकर देश में सरकार पर सवाल उठाए गए थे।
डोनाल्ड ट्रंप को लेकर समिति के सदस्यों ने पूछे सवाल
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्ध विराम की घोषणा पर लगातार सवाल उठाए हैं। सोमवार को भी विपक्षी सदस्यों ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी से कई सवाल पूछे, जिनमें ट्रंप द्वारा युद्ध विराम की घोषणा भी शामिल है। सोमवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में हुई बैठक दो घंटे तक चली।
पाकिस्तान को पहले नहीं दी गई ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी
विक्रम मिसरी ने समिति को बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी नहीं दी थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कांग्रेस के नेताओं ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर उनकी इस टिप्पणी के लिए बार-बार निशाना साधा है कि भारत ने पाकिस्तान को उसकी धरती पर आतंकी ढांचे को निशाना बनाने के बारे में जानकारी दी थी। विदेश मंत्रालय ने राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे तथ्यों की गलत प्रस्तुति बताया था।
पहलगाम के आतंकियों को पकड़ने के लिए क्या कर रहा भारत?
जानकारी के मुताबिक एक विपक्षी सदस्य ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों के ठिकानों के बारे में पूछा था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, तथा भारत उन्हें पकड़ने के लिए क्या कर रहा है। इसके अलावा एक अन्य सदस्य ने मिसरी से पूछा कि वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए भारत सरकार क्या कदम उठा रही है और भारत किस प्रकार अमेरिका पर दबाव डालकर पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे सूची में वापस डलवाने का इरादा रखता है।
भारत-पाकिस्तान को एक साथ न देखा जाए
विपक्ष के एक सदस्य ने पूछा कि भारत कूटनीतिक रूप से अलग-थलग क्यों दिख रहा है, तथा देश क्या संदेश देना चाहता है ताकि आतंकवाद के अपराधी पाकिस्तान को आतंकवाद के पीड़ित भारत के बराबर न समझा जाए। कुछ विपक्षी सदस्यों ने यह भी पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी मंचों का इस्तेमाल किया था।
इन सवालों पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जवाब दिया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया था। बैठक में कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी और सागरिका घोष, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी , बीजेपी की अपराजिता सारंगी और अरुण गोविल शामिल थे।