Uddhav Thackeray Raj Thackeray News, BMC Election: नगर निगम चुनाव से पहले एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस के गठबंधन की घोषणा की। उद्धव ठाकरे ने एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “हम साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं।”

राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना (यूबीटी)-एमएनएस गठबंधन की घोषणा की। इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई का मेयर मराठी होगा और हमारा ही होगा।

सालों की दुश्मनी के बाद, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक राजनीतिक गठबंधन को औपचारिक रूप देने का फैसला किया है। शिवसेना-यूबीटी-एमएनएस गठबंधन पर मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा, “हम कई दिनों से इस पल का इंतजार कर रहे थे। यह सभी मराठी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है और 1960 के बाद हमारे लिए यह सबसे बड़ी घटना है। इसका महाराष्ट्र की राजनीति और जनता पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।”

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वहीं, इस गठबंधन पर भाजपा के एक सूत्र ने कहा, “जब भी कोई नया गठबंधन बनता है, तो उसका कुछ न कुछ असर जरूर होता है। ठाकरे परिवार के इस पुनर्मिलन से उत्साह का माहौल बनने की संभावना है, खासकर मराठी और मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने पर उनके ध्यान केंद्रित करने को देखते हुए।”

समझौते की ओर बढ़ रहा पवार परिवार?

दूसरी ओर 15 जनवरी को होने वाले नगर निगम चुनावों से पहले पवार परिवार के बीच अनबन के बावजूद दोनों पक्ष आपसी समझौते की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों पार्टियां पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनावों के लिए गठबंधन करने की संभावना पर चर्चा कर रही हैं। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने मुंबई में हुई पार्टी की बैठक के बाद कहा, “हमारी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यह राय व्यक्त की है कि हमें पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ में अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ गठबंधन करना चाहिए। कल जब मैं उनसे मिला, तो नेताओं ने यही राय व्यक्त की। हमने इस मुद्दे पर चर्चा की है और जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।”

मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनकी पार्टी पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगमों में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उनका तर्क है कि गठबंधन का मतलब स्थानीय निकाय चुनावों में विपक्षी दलों के लिए जगह खोलना होगा।