बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुलडोजर नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बुलडोजर नीति को गलत करार दिया है। मायावती ने कहा कि देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए और इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ’क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ (Rule of Law By Law) स्थापित करके भी दिखाया है।

न हो बुलडोजर का इस्तेमाल- मायावती

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में कहा, “बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है।”

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय संबंधित अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई अधिकारी ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।

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मॉब लिंचिंग को लेकर भी मायावती ने साधा था निशाना

बता दें कि मायावती ने 2 दिन पहले ही मॉब लिंचिंग को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था की भीड़ हत्या का रोग खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मायावती ने कहा, “हरियाणा के चरखी दादरी में गोमांस खाने के शक में गरीब युवक की पीट पीट का हत्या मानवता को शर्मसार व कानून के राज की पोल खोलती है।”

मायावती लगातार सभी दलों पर निशाना साध रही हैं। इससे पहले मायावती ने कांग्रेस पर आरक्षण को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने X पर लिखा था, “SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण व क्रीमी लेयर का मुद्दा इन वर्गों को बांटने वाला भी है। बीएसपी जाति के आधार पर सदियों से तोड़े व सताए गए इन लोगों को जोड़कर ’बहुजन समाज’ बनाने का मानवतावादी मूवमेन्ट है, जिससे कोई समझौता संभव नहीं। पार्टी इस मुद्दे को लेकर अति-गंभीर है। इसको लेकर कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु की सरकारों द्वारा मा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले से ही जो वहां एससी व एसटी को बांटने की राजनीति की जा रही है, वह ठीक नहीं। ख़ासकर यहां कांग्रेसी सरकारों का रवैया इस मामले में अति-निन्दनीय है।”