सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने टीवी पत्रकार आरफा खानम शेरवानी पर निधाना साधा है। सोमवार को कहा है कि पूर्व जेएनयू छात्रा शहला राशिद से आरफा शरिया, बुर्का, मदरसा और मौलाना सरीखे मुद्दों पर सवाल क्यों नहीं पूछती हैं?

काटजू ने ट्वीट किया, “मैंने यूट्यूब पर शहला राशिद का इंटरव्यू देखा, जो कि आरफा खानम शेरवानी ने लिया है। आरफा ने उनसे एक बार भी यह नहीं पूछा कि आखिर क्यों वह (पूर्व जेएनयू छात्र नेत्री) शरिया, बुरका, मदरसा और मौलानाओं की निंदा नहीं करती हैं, जिन्होंने मुस्लिमों को पीछे रखा। शहला भविष्य के चुनावों में मुस्लिम वोट बैंक खोने के डर से कभी भी उनकी आलोचना नहीं करती हैं, पर आरफा इस पर चुप्पी क्यों साधे हैं?”

आरफा, मौजूदा समय में ‘The Wire’ से जुड़ी हैं। वह टीवी पत्रकारिता में लंबे समय से हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं। पांच अगस्त, 2020 को 370 हटने की सालगिरह के उपलक्ष्य पर उन्होंने छह अगस्त को परिचर्चा आधारित एक शो किया था, जिसमें उनके साथ शहला राशिद और सिटी प्लैनर अनीसा दराबो भी मौजूद थीं।

बता दें कि ठीक एक साल पहले आरफा ने इन्हीं दोनों पैनलिस्ट के साथ एक शो किया था, जिसमें उन्होंने जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छिनने को लेकर बातचीत की थी। ताजा बातचीत में उन्होंने इन दोनों महिलाओं से जानने की कोशिश की कि वहां एक साल में क्या कुछ बदला।

टीवी पत्रकार ने इसी शो में NDTV में अपने पूर्व सहयोगी और कश्मीर के पत्रकार के अनुभव के हवाले से बताया कि कश्मीर में एक साल के भीतर सब कुछ बदल चुका है। मसलन आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और अन्य ढांचे टूट चुके हैं।

यह है शहला का वही इंटरव्यू, जो हाल में आरफा ने किया हैः