शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से तुरंत बातचीत करनी चाहिए और उनके समुदाय को न्याय दिलाना चाहिए। मनोज जरांगे ने शुक्रवार को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की और समुदाय की मांगें पूरी होने तक वहां से न हटने का संकल्प लिया।

उद्घव ठाकरे ने कहा कि आंदोलनकारियों को न्याय मांगने के लिए मुंबई तक मार्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “सरकार को (मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से) तुरंत बातचीत करनी चाहिए और समुदाय को न्याय दिलाना चाहिए।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे का एक सम्मानजनक समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी सरकार की है।

‘आंदोलनकारी न्याय मांंगने मुंबई आए हैं’

उद्घव ठाकरे ने कहा कि आंदोलनकारी ‘आतंकवादी’ नहीं हैं और वे ‘दंगा’ करने नहीं, बल्कि न्याय मांगने के लिए मुंबई आए हैं। उन्होंने दावा किया कि मराठा समुदाय को पहले भी कई बार झूठे वादों के जरिए धोखा दिया गया और उनके मुद्दे अनसुलझे रहे। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया।

उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि जब वह ढाई साल तक मुख्यमंत्री थे, तब मराठा समुदाय को न्याय क्यों नहीं दिलाया गया। मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि सभी मराठों को ओबीसी के तहत आने वाली कृषि प्रधान जाति कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिले।

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