छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में ग्रामीणों के अपहरण के बाद नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी और अन्य सभी बंधकों को रिहा कर दिया। सुकमा के पुलिस अधीक्षक डी श्रवण ने शनिवार को बताया कि जिले के मोरेंगा और आसपास के गांव से ग्रामीणों के अपहरण के बाद नक्सलियों ने मोरेंगा गांव के करीब नदी में पुल निर्माण कार्य के मुंशी सदाराम की लाठी डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी और अन्य ग्रामीणों को रिहा कर दिया है।

श्रवण ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि नक्सलियों ने शनिवार को गादम और मुनगा गांव के करीब जन अदालत लगाई थी जिसमें मोरेंगा और अन्य गांवों के ग्रामीणों को बुलाया गया था। बाद में नक्सलियों ने सदाराम की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि हत्या के बाद नक्सलियों ने सदाराम के शव को ग्रामीणों के साथ उसके गांव मोरेंगा भेज दिया। ग्रामीण सदाराम का शव लेकर वापस पहुंच गए हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोरेंगा के करीब नदी में पुल निर्माण का कार्य चल रहा है। नक्सली पुल के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। पुल निर्माण के विरोध के कारण ही नक्सलियों ने शुक्रवार देर रात ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था। अपहरण की घटना के बाद क्षेत्र में पुलिस दल को रवाना किया गया था। पुलिस आरोपी नक्सलियों की खोज कर रही है।

क्षेत्र दंतेवाड़ा के कार्यक्रम में शामिल हुए और इस दौरान नक्सलियों से हथियार छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का आह्वान किया। वहीं, शुक्रवार देर रात नक्सलियों ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था। शुरुआती जानकारी में जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर ने लगभग पांच सौ ग्रामीणों का अपहरण होने की जानकारी दी थी।

हालांकि बाद में क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने ऐसी घटना से इनकार कर दिया था। बाद में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना में लगभग 250 ग्रामीणों के अपहरण होने की जानकारी दी थी। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ग्रामीणों का अपहरण होने की जानकारी के बाद मोरेंगा और आसपास गांवों के सैकड़ों ग्रामीण एकत्र होकर पीछे-पीछे चले गए थे।