मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर एक्टिविस्ट मनोज जरांगे पाटील मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठे हैं। उनके साथ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी भी मुंबई पहुंच चुके हैं। आजाद मैदान के अलावा मुंबई की प्रमुख सड़कों पर भी प्रदर्शनकारी नजर आ रहे हैं। अब इसको लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मनोज जरांगे पाटिल और अन्य प्रदर्शनकारियों पर आज़ाद मैदान में आंदोलन करने के लिए दी गई अनुमति की शर्तों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उन्हें स्थिति सुधारने और मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली करने का मौका दिया।
जस्टिस रवींद्र वी घुगे और जस्टिस गौतम अंखड की विशेष पीठ एक गैर सरकारी संगठन और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन की अनुमति को चुनौती दी गई थी।
मुंबई में आम आदमी का जीवन सामान्य हो- बॉम्बे हाईकोर्ट
पीठ ने सोमवार को कहा, “यह अत्यंत आवश्यक है कि मुंबई में आम आदमी का जीवन सामान्य हो और शहर को गणपति उत्सव के दौरान और 2025 के नियमों के लागू होने के बाद से हर समय ठप न किया जाए, इसलिए हम जरांगे पाटिल और अन्य को स्थिति को तुरंत सुधारने और यह सुनिश्चित करने का अवसर देते हैं कि सड़कें साफ हो जाएँ और प्रदर्शनकारियों के कब्जे से मुक्त हो जाएं। इसके लिए कल सुबह तक डेजिगनेटेड स्थान को छोड़कर सभी ऐसे स्थान शामिल होंगे जहां नाकाबंदी है।”
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पीठ ने कहा, “चूँकि प्रदर्शनकारियों के पास विरोध प्रदर्शन जारी रखने की वैध अनुमति नहीं है, इसलिए वह राज्य सरकार से अपेक्षा करती है कि वह हाई कोर्ट के पूर्व आदेश और जनसभा, आंदोलन और जुलूस नियम, 2025 के मद्देनजर उचित कदम उठाने के लिए कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करे।”
26 अगस्त को हाई कोर्ट ने कहा था कि मनोज जरांगे पाटिल और उनके सहयोगी जनसभा, आंदोलन और जुलूस नियम, 2025 के तहत अनुमति मिलने तक आज़ाद मैदान में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे। पीठ ने तब कहा था कि कार्यकर्ता ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र आरक्षण संबंधी नियमों के अनुसार शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कोर्ट का निर्देश
अदालत ने सोमवार को प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों से कहा कि वे मनोज जरांगे पाटिल को यह सुनिश्चित करने के लिए मनाएँ कि 5,000 से अधिक की संख्या वाले आंदोलनकारी सड़कों और मुंबई शहर को खाली कर दें। सक्षम अधिकारियों को नए आवेदनों के आधार पर अनुमति प्राप्त करने के बाद आज़ाद मैदान में केवल 5,000 लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन सुनिश्चित करें। पीठ ने कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि मनोज जरांगे और अन्य लोगों को उचित सलाह मिलेगी और वे इस अदालत के 26 अगस्त के आदेश, 2025 के नियमों और हमारे उपरोक्त निर्देशों का कल (2 सितंबर) तक पालन करेंगे।”
अदालत ने आगे कहा, “अगर और भी प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश करना चाहते हैं, जैसा कि महाधिवक्ता और अन्य वकीलों ने हमें बताया है कि वे लाखों की संख्या में आएंगे, तो हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वह ऐसे प्रवेश बिंदुओं से ऐसे प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए कदम उठाए जो इस निर्देश के पालन के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं और यह सुनिश्चित करें कि इस अदालत के अगले आदेश और/या राज्य सरकार द्वारा 2025 के नियमों के तहत पारित आदेश तक और प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश न करें।”
अदालत ने कहा कि अपने निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उसने सभी प्रदर्शनकारियों को चिकित्सा सहायता और भोजन के पैकेट दिए जाने की अनुमति दी है, बशर्ते कि वे सभी अगले आदेशों के अधीन आज़ाद मैदान में इकट्ठा हों। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अगर जरांगे पाटिल के स्वास्थ्य संबंधी मापदंडों के कारण कोई चिकित्सीय स्थिति उत्पन्न होती है या उनका स्वास्थ्य बिगड़ता है, तो राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सहायता दी जाए।”