मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में आंदोलन फिर तेज हो गया है। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार सुबह मुंबई के आजाद मैदान में अनशन पर बैठ गए। वे आज ही सुबह समर्थकों के साथ मुंबई पहुंचे थे। बुधवार को उन्होंने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव से पदयात्रा शुरू की थी। करीब 400 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यात्रा जब मुंबई पहुंची तो वाशी में उनका जोरदार स्वागत हुआ। जरांगे ने चेतावनी दी है कि अपनी मांगे पूरी होने तक वे नहीं हटेंगे।
उनके आंदोलन को देखते हुए मुंबई में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुबह करीब पौने दस बजे जब जरांगे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच आजाद मैदान पहुंचे, तो वहां पहले से ही केसरिया टोपी, स्कार्फ और झंडे लहराते हजारों लोग मौजूद थे। इस दौरान आंदोलनकारी समर्थकों की भीड़ में फोटो और वीडियो बनाने को लेकर कुछ लोग आपस में भिड़ भी गए।
इस बीच सीएसएमटी (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) और आसपास के इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम लग गया। रेलवे पुलिस का कहना है कि आंदोलन को देखते हुए स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि महाराष्ट्र के कई जिलों से बड़ी संख्या में लोग मुंबई पहुंच रहे हैं।
43 वर्षीय मनोज जरांगे की मुख्य मांग है कि मराठा समाज को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि उन्हें ओबीसी श्रेणी के तहत शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण का लाभ मिल सके। उन्होंने साफ कहा है कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और गणेश उत्सव में किसी तरह की बाधा नहीं डाली जाएगी।
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रशासन ने सख्त नियम लागू किए हैं। जालना पुलिस ने पहले ही 40 शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति दी थी। वहीं, मुंबई पुलिस ने जरांगे को केवल 29 अगस्त को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आजाद मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दी है। पुलिस की शर्तों के मुताबिक, 5 से अधिक वाहन मैदान में प्रवेश नहीं करेंगे और भीड़ 5,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुंबई पुलिस के 1,500 से अधिक जवान आजाद मैदान और आसपास के इलाकों में तैनात किए गए हैं।