केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज आरोप लगाया कि कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोयला ब्लॉकों पर नीलामी का रास्ता अपनाने की अनुमति नहीं दी और सिंह अब अपनी पार्टी के पापों का खामियाजा भुगत रहे हैं।

जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनमोहन सिंह ने खुद को परेशानी में क्यों डाला? क्योंकि कांग्रेस की प्रक्रिया अपारदर्शी थी। मुझे कई बार मनमोहन सिंह के लिए तरस आता है क्योंकि वह कोयला खान आवंटन के लिए नीलामी का रास्ता अपनाना चाहते थे। लेकिन वह यह कहने का साहस नहीं जुटा सके।’’

वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को विशेष सीबीआई अदालत द्वारा समन भेजे जाने के मामले में पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे। अदालत ने सिंह को संप्रग सरकार में कोयला मंत्री बतौर उनके कार्यकाल में कोयला ब्लॉकों के आवंटन से जुड़े मामले में आरोपी के तौर पर पेश होने के लिए समन भेजा है।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘वह (मनमोहन सिंह) प्रभावित थे और कांग्रेस पार्टी और पार्टी आलाकमान ने उन्हें नीलामी का रास्ता नहीं अपनाने दिया। इसलिए अब वह अनावश्यक रूप से कांग्रेस के पापों का खामियाजा भुगत रहे हैं। यह कांग्रेस का पाप है क्योंकि कांग्रेस इस बारे में सिफारिशों के पत्र भेज रही थी कि किसे कोयला खदानों का आवंटन किया जाना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह नहीं कहा जा सकता है कि सिंह पूरी तरह दोषी नहीं हैं। आप पद पर थे लेकिन आपने अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं किया और यह भी गुनाह है। उन्हें अपने अधिकारों का इस्तेमाल करना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं किया।’’

जावड़ेकर ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से उनके इस बयान पर माफी मांगने को कहा कि स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन के नुकसान के आंकड़ों के संबंध में पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय की रिपोर्ट गलत है।