Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की एक कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहाई की मांग की है। ताकि वो आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार कर सकें।

मनीष सिसोदिया इस वक्त दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों द्वारा दर्ज मामलों के संबंध में अंतरिम जमानत की मांग की है। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) कावेरी बावेजा 20 अप्रैल को करेंगी।

बता दें, मनीष सिसोदिया कई हाई-प्रोफाइल राजनीतिक नेताओं में से एक हैं, जो वर्तमान में इस आरोप में जेल में हैं कि वे 2021-22 की अब समाप्त हो चुकी दिल्ली शराब नीति को तैयार करने में एक आपराधिक साजिश का हिस्सा थे।

सिसोदिया पिछले साल फरवरी से हिरासत में हैं। यह मामला 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्रथम एफआईआर के बाद सामने आया था। यह आरोप लगाया गया था कि आप नेताओं को इस नीति के माध्यम से शराब निर्माताओं से रिश्वत मिली थी।

सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद पिछले साल 9 मार्च को ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी समीक्षा और सुधारात्मक याचिकाएं भी खारिज कर दीं। हालांकि, पिछले महीने, उन्होंने ट्रायल कोर्ट के समक्ष नई जमानत याचिकाएं दायर कीं, जिन पर फैसला होना बाकी है।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में अब तक कम से कम 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता इस मामले में फिलहाल जेल में हैं। इस मामले में पिछले महीने ईडी द्वारा गिरफ्तार की गई कविता को भी इस सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।

दिल्ली का शराब कथित घोटाला क्या है?

17 नवंबर 2021 को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया। नई पॉलिसी के तहत, शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गईं। दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, ये नीति शुरू से ही विवादों में रही और जब बवाल ज्यादा बढ़ गया तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया।

कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था। इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया। इसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप भी लगा, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया।

मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया था। मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। आरोप लगाया गया कि नई नीति के जरिए लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। रिपोर्ट में आरोप लगाया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी। एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ लौटा दिए गए, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी।