सीबीआइ ने दावा किया कि सिसोदिया ने इस तथ्य को छिपाया कि उनकी पत्नी को पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। सीबीआइ ने कहा कि सिसोदिया की पत्नी को पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है लेकिन उनकी अंतरिम जमानत अर्जी में इस तथ्य का उल्लेख नहीं किया गया।

सीबीआइ ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी वाले कागजात के मुताबिक, सिसोदिया की पत्नी की हालत में सुधार हुआ है। हालांकि, सिसोदिया के वकील ने दावा किया कि तथ्यों को छिपाया नहीं गया और कहा कि अदालत के सामने रखे गए दस्तावेज से पता चलता है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, लेकिन उन्हें निरंतर देखभाल की जरूरत है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि हर पति का कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी की देखभाल करे। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि यह विवाह के समय लिया गया संकल्प है।

सीबीआइ का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां किसी की चिकित्सा स्थिति खराब रहती है, वह यह कहने वाले पहले व्यक्ति होंगे कि राहत दी जानी चाहिए। ‘25 अप्रैल को, सिसोदिया की पत्नी की हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, पर अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल करने से पहले उन्हें छुट्टी मिल गई।

अर्जी को इस आधार पर देखना चाहिए कि तथ्यों को छिपाया गया। सिसोदिया के वकील ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी के कागजात में वर्णित तथ्यों को छिपाया नहीं गया। इस पर राजू ने सवाल किया कि अंतरिम अर्जी में इसका उल्लेख क्यों नहीं किया गया। उच्च न्यायालय ने सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर सीबीआइ की दलीलें भी सुनीं और मामले को 10 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

ईडी ने आरोपपत्र में पहली बार सिसोदिया को आरोपी बनाया

ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहली बार आरोपी बताकर उन्हें नामजद करते हुए गुरुवार को ताजा आरोपपत्र दाखिल किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में सिसोदिया को नौ मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सिसोदिया (51) को सबसे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने गिरफ्तार किया था जो आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले की जांच कर रही है। ईडी द्वारा दिल्ली की विशेष पीएमएलए (धन शोधन रोकथाम कानून) अदालत में यह पांचवां आरोपपत्र या अभियोजन पक्ष का शिकायतपत्र दाखिल किया गया है। एजंसी ने इस मामले में सिसोदिया को ‘मुख्य षड्यंत्रकारी’ बताया है।

उच्च न्यायालय ने ईडी से मांगा जवाब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सिसोदिया की नियमित जमानत अर्जी और अंतरिम जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया। न्यायालय ने ईडी को एक सप्ताह में सत्यापन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 11 मई तय की।