मणिपुर में जमीन पर स्थिति अभी भी विस्फोटक बनी हुई है। वायरल वीडियो के सामने आने के बाद अब तक 6 आरोपियों की गिरफ्तारी तो हो चुकी है, लेकिन तनाव कम नहीं हुआ है। कुर्की और मैतेई समुदाय के बीच चल रहा बवाल अभी भी जारी है, दोनों के मतभेद कम होने के बजाय बढ़ गए हैं। अब मणिपुर में जो आग सुलग रही है, उसका असर मिजोरम तक में देखने को मिल रहा है।

किसने दी धमकी और क्यों?

असल में मिजोरम के पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्न्स एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने दो टूक कहा है कि मिजोरम में रह रहे सभी मैतेई समुदाय के लोग अपने गृह राज्य वापस चले जाएं। अगर वे इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं, तो उनकी सुरक्षा को जो खतरा बनेगा, उसके वे खुद जिम्मेदार होंगे। तर्क दिया गया है कि मिजोरम में महिलाओं के साथ जो भी कुछ हुआ है, उस वजह से समाज के लोगों में गुस्सा है।

अब इस धमकी के बाद से मिजोरम की सरकार भी एक्शन में आई है। जोर देकर कहा गया है कि मैतेई समुदाय की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ली जाएगी। सीएम की तरफ से मणिपुर सरकार को भी आश्वासन दिया गया है कि मैतेई समुदाय को एकदम सुरक्षित रखा जाएगा। यहां ये समझना जरूरी है कि मैतेई समुदाय कहने को मणिपुर का है, लेकिन उस समाज के कई लोग असम और मिजोरम में रहते हैं।

वर्तमान में मणिपुर की आग मिजोरम तक को गर्म कर रही है। कुकी समाज खास तौर पर आक्रोशित चल रहा है। इसी वजह से हिंसा फिर ना भड़क जाए, इसकी चिंता राज्य सरकार को सता रही है। वैसे एक तरफ कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ वायरल वीडियो वाले मामले में अब तक कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

जनता परेशान, सियासत टनाटन

वैसे इस समय संसद तक में मणिपुर का ही मामला गूंज रहा है। सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने पूरी रणनीति बना रखी है, लेकिन अभी तक क्योंकि कोई सार्थक चर्चा वहां नहीं हो पाई है, ऐसे में उसे लेकर भी अलग ही बवाल की स्थिति चल रही है। इसके ऊपर आरोप-प्रत्यारोप के दौर ने भी सियासत को गरमाए रखा है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के बीच अलग ही ट्विटर वॉर देखने को मिला।

असल में कांग्रेस की तरफ से सबसे पहले स्मृति ईरानी का एक रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया, दावा हुआ कि मणिपुर मुद्दे पर वे चुप्पी साधे बैठी हैं। कांग्रेस ने लिखा था कि स्मृति ईरानी का रिपोर्ट कार्ड है, जिसमें वे फेल साबित हुईं (Smriti Irani’s Report Card: FAILED)। रिपोर्ट कार्ड में स्मृति ईरानी की फोटो भी लगी है। कांग्रेस ने आगे लिखा, ‘मणिपुर हिंसा पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुप रहीं। महिलाओं से हुए यौन उत्पीड़न: महिलाओं की दुर्दशा के बारे में अनभिज्ञ! दो महीने उन्हें बाद होश आया।

कांग्रेस के इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए स्मृति ईरानी ने लिखा, ‘ऐसी नीचता बहुत कम ही लोग कर पाते हैं- महिलाओं का स्कोर कार्ड रखना। जानबूझकर की गई अज्ञानता के उदाहरण बहुत कम हैं जो लगातार दिखते हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा कि दोनों मोर्चों पर यानी नीचता और जानबूझकर की गई अज्ञानता में कांग्रेस ने अच्छा स्कोर किया है। वंशवाद अनुमति दे तो संसद में चर्चा करें।

मोइत्रा का जोरदार वार

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के रिप्लाई पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सरकार को घेरा। मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सॉरी WCD मिनिस्टर। यह नीचता नहीं है। नीचता तो वो है, जो बीजेपी मणिपुर मामले में दूसरे राज्यों के फर्जी हमले की बात कहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी हमारी बहनों के मरने पर चुप्पी साध लेते हैं।’ महुआ मोइत्रा ने आगे लिखा, ‘नीचता तो है जब आप हमारे पहलवानों की आप रक्षा नहीं कर पाते। आप डिक्शनरी खरीदें अगर मौनगुरु अनुमति दें।’