Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। अब इसी बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार मणिपुर की घटना को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक समाज को यह महसूस करना चाहिए कि संघ परिवार के एजेंडे ने मणिपुर को दंगा जोन में बदल दिया।
विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि संघ परिवार मणिपुर में नफरत का बीज बो रहा है। उन्होंने कहा कि दंगे की आड़ में जो हो रहा है वह ईसाईयों पर हमला है। उसके शिकार ईसाई हो रहे हैं। ईसाई जनजातीय समूहों के चर्चों पर संगठित तरीके से हमला किया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘देश के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक समाज को संघ परिवार के एजेंडे को समझना चाहिए, जिसने राजनीतिक लाभ के लिए नफरत पैदा कर मणिपुर को दंगा क्षेत्र में बदल दिया है।’
विजयन ने कहा कि मणिपुर से हर दिन चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। मणिपुर से बार-बार इंसान की अंतरात्मा को आहत करने वाली बेहद भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हिंसा के शुरुआती दिनों के दृश्य अब सामने आ गए हैं। कुकी समुदाय की महिलाओं को हिंसक भीड़ ने सबसे घृणित और क्रूर तरीके से शिकार बनाया है।’
पिनराई विजयन ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि जो लोग शांति बहाल करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं, वे हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आपराधिक चुप्पी और संघ परिवार के एजेंडे पर अब हमला हो रहा है। यह लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ प्रयासों को हराया जाना चाहिए।
‘मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है’
मणिपुर में बीते ढाई महीने से हिंसा की आग सुलग रही है। इस दौरान विचलित करने वाली कई तस्वीरें सामने आईं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा। मंगलवार रात से सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर को लेकर बयान दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मणिपुर के वायरल वीडियो की घटना से मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। घटना शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, लेकिन इससे देश के 140 करोड़ लोगों की बेइज्जती हो रही है। मैं राज्यों से अपील करता हूं कि वह अपने यहां कानून व्यवस्था और मजबूत करें, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’
‘मणिपुर हिंसा पर कम, विपक्ष की सरकारों पर ज्यादा बोले PM’
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ग्वालियर में कहा कि महिलाओं के साथ हो रही अमानवीय घटनाओं का वीडियो सामने आने के बाद पीएम मोदी ने मजबूरी में एक वाक्य बोला, लेकिन उसमें भी उन्होंने राजनीति घोल दी। प्रियंका ने कहा कि राजनीतिक सभ्यता बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की होती है, लेकिन उन्होंने पिछले दिनों सभी योग्य व संघर्ष करने वाले विपक्ष के नेताओं को चोर बोल डाला। वरिष्ठ नेता, पार्टियों के नेता, जिनका आदर है, उनका अपमान कर दिया, लेकिन दो महीनों से मणिपुर जल रहा है, महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप हैं, लेकिन जब 77 दिन बाद बोले तो मणिपुर हिंसा पर कम, विपक्ष की सरकार वाले प्रदेशों की घटनाओं पर ज्यादा बात की।
‘INDIA चुप नहीं रहेगा’
राहुल गांधी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में भारत के विचार पर हमला होने पर INDIA चुप नहीं रहेगा। मणिपुर में सड़कों पर कुछ महिलाओं को बिना कपड़े के घुमाए जाने वाले वीडियो के सामने आने के बाद राहुल गांधी ने ये प्रतिक्रिया दी थी। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो INDIA चुप नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
‘सरकार कार्रवाई नहीं करती तो हम एक्शन लेंगे’
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (20 जुलाई) को मणिपुर की घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने वीडियो पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और मणिपुर सरकार से फौरन कार्रवाई करने को कहा था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने घटना को लेकर सख्त टिप्पणी की। पीठ ने कहा, ‘मणिपुर में दो महिलाओं की जिस तरीके से परेड कराई गई है, उसकी आई वीडियो से हम बहुत व्यथित हैं।
सीजेआई ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि सरकार वाकई में आगे आए और कार्रवाई करे, क्योंकि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। हम सरकार को कार्रवाई के लिए थोड़ा समय देंगे और अगर जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता है तो फिर हम कार्रवाई करेंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था कि साम्प्रदायिक रूप से तनावपूर्ण इलाके में हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल बहुत व्यथित करने वाला है तथा यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह संवैधानिक और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम की संयोजक मेरी जोन क्या कहा?
मणिपुर के कुकी समुदाय के एक संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम की संयोजक मेरी जोन ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री कर रहे थे कि उन्हें वीडियो के जरिए इस घटना के बारे में पता चला। वो राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ साथ राज्य के गृहमंत्री भी हैं और वो कह रहे हैं कि उन्हें ये नहीं पता कि उनके राज्य में हो क्या रहा है। मेरी जोन ने कहा कि मैंने वीडियो देखा है, मैं उस महिला की मां से भी मिली हूं, जिसके साथ ये सब कुछ हुआ। जबसे मैंने वो वीडियो देखा है मैं सो नहीं पा रही, मैं रात को नींद से उठकर ये देखने लगती हूं कि मेरे बदन पर कपड़े तो हैं। मुझे इस वीडियो ने जितने भीतर तक झकझोरा है वो मैं शब्दों में बता नहीं सकती।
मणिपुर में कब शुरू हुई हिंसा
3 मई का मार्च मैतई सुमदाय की मांग और कोर्ट के आदेश के विरोध में बुलाया गया था। जिसके बाद उसी दिन रात में मणिपुर में हिंसा, बवाल, आगजनी का दौर शुरू हो गया। मैतेई और कुकी दोनों समुदाय एक-दूसरे के इलाकों में घुसकर मारपीट और आगजनी कर रहे थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक इस हिंसा में करीब 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई लोग घायल हुए हैं और हजारों की तादाद में लोग अपना घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। हिंसा में सैकड़ों गांव तबाह हो चुके हैं। मंदिर और चर्च नष्ट कर दिए गए हैं। यहां तक कि उपद्रवियों ने थाने और पुलिस के हथियार तक लूट लिए हैं।
जानिए राज्य में मैतेई और कुकी की आबादी
मणिपुर की आबादी करीबन 33 लाख है। जिसमें से 64.6 फीसदी लोग मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जबकि 35.40 फीसदी आबादी कुकी, नागा और दूसरी जनजातियों की है। राज्य में 34 जनजातियां रहती हैं। मैतेई समुदाय की बात करें तो इस समुदाय के लोग मणिपुर के अलावा म्यांमर और आसपास के राज्यों में भी फैले हैं। मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बहुसंख्यक लोग हिंदू धर्म को फॉलो करते हैं। कुछ लोग सनमाही धर्म को भी मानते हैं।