Maharashtra News: अजित पवारी की पार्टी एनसीपी के विधायक माणिकराव कोकाटे को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हे जिले न्यायालय ने जालसाजी से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यसता पर लटक रही तलवार हट गई है।

निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद एनसीपी के कोटे से मंत्री बने माणिकराव ने मंत्री पद छोड़ दिया था। हालांकि उन्होंने 2 साल की सजा वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और आज सुनवाई में कोर्ट ने उन्हें एक बड़ी राहत दे दी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि उनकी सदस्यता तो नहीं जाएगी किंतु वे किसी लाभ के पद पर नहीं रह सकते हैं।

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नासिक कोर्ट ने सुनाई थी सजा

बता दें कि नासिक जिला न्यायालय ने पहले माणिकराव कोकाटे को तीन दशक पुराने फ्लैट आवंटन से जुड़े एक केस में दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। खास बात यह भी है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी भी विधायक/सांसद को दो या दो साल से ज्यादा की सजा होती है, तो उसे सजा सुनाए जाने के साथ ही अयोग्य करार दे दिया जाता है।

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इसीलिए इस फैसले से कोकाटे की विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई थी। ऐसे में उन्होंने मंत्रीपद भी छोड़ दिया था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता माणिकराव कोकाटे की 1995 के सरकारी आवास योजना से जुड़े धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में सजा पर रोक लगा दी है।

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महाराष्ट्र सरकार को नोटिस

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोकाटे की सजा पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान एक तरफ सजा पर स्टे लगाया है, तो दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते उनकी दो साल की जेल की सजा निलंबित कर दी थी। हालांकि कोर्ट ने प्रथम दृष्टया सबूतों के आधार पर कोकाटे की संलिप्तता को देखते हुए सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

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