हरियाणा के मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बंगाल की सीएम किसान नेता राकेश टिकैत की तरह आंसू बहाकर लोगों की हमदर्दी पाना चाहती हैं। अनिल विज के इस बयान के बाद ट्विटर यूजर्स ने मंत्री की ही खिंचाई करनी शुरू कर दी।
दरअसल विज ने कहा, ‘ममता बनर्जी राकेश टिकैत बनना चाहती हैं। वे चाहती है कि थोड़े आंसू बहाकर लोगों की सहानुभूति बटोर ली जाए। लेकिन पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का काम तमाम हो चुका है। उनको कोई ऐसी चोट नहीं लगी है कि वह इतना प्रचार कर रही हैं।’ मोहम्मद शोएब (@MohdSuaibinc123) नाम के ट्विटर यूजर ने इसका जवाब देते हुए लिखा कि अगर सीएम ममता बनर्जी रोकर सहानुभूति पाना चाहती हैं तो हरियाणा के सीएम कल हरियाणा विधानसभा में रोकर क्या करना चाहते थे? बता दें कि सीएम मनोहर लाल खट्टर बुधवार को हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान रो पड़े थे।
बता दें कि आज ममता बनर्जी ने अपने ऊपर हुए हमले के एक दिन बाद अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सीएम ममता ने कहा, ‘मैं सभी से शांति बनाए रखने का अनुरोध करती हूं और ऐसा कुछ भी करने से बचना चाहिए जिससे किसी को असुविधा हो। मैं अगले 2-3 दिनों में काम फिर से शुरू करूंगी।’
ममता बनर्जी राकेश टिकैत बनना चाहती हैं। वे चाहती है कि थोड़े आंसू बहाकर लोगों की सहानूभूति बटोर ली जाए। लेकिन पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का काम तमाम हो चुका है। उनको कोई ऐसी चोट नहीं लगी है कि वह इतना प्रचार कर रही हैं: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज pic.twitter.com/v2ewrMgiTS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2021
सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि उनके हाथ और पैर में चोटें आई हैं। सीएम ने कहा, ‘मैं कार के पास खड़ी था जब मुझे धक्का दिया गया था। मैं दवाई ले रही हूं और जल्द ही कोलकाता से रवाना हो जाऊंगी।’
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने आज चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सीएम ममता बनर्जी की “जान लेने के लिए एक गहरी साजिश” का आरोप लगाया। पार्टी ने एक दिन पहले बंगाल पुलिस प्रमुख को अचानक हटाए जाने पर भी सवाल उठाए। जिसके लिए टीएमसी ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।
वहीं भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने कोलकाता में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘हम हैरान हैं कि नंदीग्राम में सीएम घायल हो गईं। हम अनुरोध करते हैं कि एक विस्तृत जांच का आदेश दिया जाए।’